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राहुल गांधी ने फिर साधा मोदी सरकार पर निशाना कहा,मोदी किस तरह के हिंदू हैं

New Delhi: Congress President Rahul Gandhi addresses the crowd during a protest over SC/ST atrocities bill, at Jantar-Mantar in New Delhi on Thursday, Aug 9, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI8_9_2018_000100B)

उदयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। राहुल ने नोटबंदी,जीएसटी और सर्जिकल स्ट्राइक को मुद्दा बना कर मोदी सरकार को एक बार फिर घेरा है। इतना ही नहीं राहुल गाँधी ने भाजपा की हिंदुत्व विचारधारा पर भी हमला बोला है राहुल ने कहा- “हिंदुत्व का सार क्या है? गीता में क्या कहा गया है? इसका ज्ञान हर किसी को है, हर जगह ज्ञान फैला हुआ है। हर जीवित वस्तु के अंदर ज्ञान है। हमारे पीएम कहते हैं कि वह हिंदू हैं, लेकिन वह हिंदुत्व की नींव को नहीं समझते। वे किस तरह के हिंदू हैं?”

राहुल यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने आगे कहा कि,”मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया, करोड़ों हिंदुस्तानियों का कर्ज माफ क्यों नहीं किया? दरअसल, वे बड़े लोगों का कर्ज छुप-छुपकर माफ करते हैं।”राहुल ने आगे कहा- “नोटबंदी एक स्कैम है। इसका लक्ष्य छोटे उद्योगों को खत्म करना था। चाहे नोटबंदी हो या गब्बर सिंह टैक्स, इनका लक्ष्य बड़ी-बड़ी कंपनियों का रास्ता खोलना था। इसका मकसद था कि हिंदुस्तान के बड़े 15 उद्योगपतियों को मौका दिया जाए।” राहुल ने आयुष्मान भारत योजना के बारे में कहा कि इस योजना में एक समस्या है। जितना पैसा पब्लिक हेल्थ केयर में जाना चाहिए, उतना जाता नहीं है। इसका ठेका अनिल अंबानी जैसे लोगों को दिया गया है।अगर यूजर को किसी से इंश्योरेंस लेना है, तो अनिल अंबानी से ही लेना पड़ेगा।

साथ ही राहुल गाँधी ने ट्वीट के ज़रिये एक फोटो भी लगाई जिसमे मोदी सरकार को जोड़ तोड़ की सरकार बना कर दिखाया गया है और ये भी दिखाया की बीजेपी सरकार अपने अनुसार आकड़ों में भी हेर फेर करती है।

 

 

 

इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए बोलते हुए कहा कि “मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक बना दिया। मोदी सरकार ने इसका फायदा उठाया। उन्हें पता था कि वे उत्तर प्रदेश में चुनाव हार रहे थे। इसलिए उन्होंने सेना का अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया।”

“कृषि बीमा के संदर्भ में अनिल अंबानी को 6 राज्यों में अलग-अलग जिले सौंप दिए गए हैं, अब लोगों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। यही काम शिक्षा और स्वास्थ्य में भी होने जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि,”हिंदुस्तान के सबसे बेहतरीन शिक्षण संस्थान सरकारी हैं, क्योंकि ये सिर्फ फायदे के पीछे नहीं दौड़ रहे, बल्कि ये सेवा करना चाहते हैं।”

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