लखनऊ डेस्क। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्री राधा जी का जन्म हुआ था। इस वर्ष राधाष्टमी 06 सितंबर दिन शुक्रवार को है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, ताकि उनको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त हो, घर में सुख-समृद्धि, शांति और संतान सुख मिले।
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आपको बता दें भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को और श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। राधाष्टमी का व्रत करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है। हर वर्ष अष्टमी तिथि को राधाष्टमी या प्राकट्य दिवस मनाया जाता है।
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जानकारी के मुताबिक स्नान आदि के उपरांत मंडप के भीतर मंडल बनाकर उसके मध्य भाग में मिट्टी या तांबे का कलश स्थापित करें। उसके ऊपर तांबे का पात्र रखें और उस पात्र के ऊपर दो वस्त्रों से ढकी हुई श्री राधा या राधाकृष्ण की सुंदर प्रतिमा स्थापित करें। विधिपूर्वक राधाष्टमी व्रत करने से मनुष्य व्रज का रहस्य जान लेता है तथा राधा परिकरों में निवास करता है।