लखनऊ। फैजाबाद रोड चिनहट,मटियारी स्थित रजत ग्रुप ऑफ कालेजेज में ‘भारतीय परिप्रेक्ष्य में शैक्षिक नीतियां, प्रशासन, अनुसंधान एवं वैश्वीकरण’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन शनिवार को किया गया।
भारतीय संस्कृतिक मानव जीवन के उदात्त मूल्यों के पोषण की करती है अनुशंसा
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि व अन्य वक्ताओं ने उक्त विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान मुख्य अतिथि भारतीय-नारवेजियन सूचना एवं सांस्कृतिक मंच, ओस्लो नार्वे के अध्यक्ष डॉ. सुरेशचन्द्र शुक्ल ने कहा कि उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा किसी भी सभ्य, उन्नत और विकसित समाज का अनिवार्य अंग है। स्वतंत्रता के बाद अनेक आयोग गठित किए गए। सभी ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को समय समय पर सही दिशा देने का प्रयास किया गया। शिक्षा का उद्देश्य जीवन के उद्देश्य से च्युत नहीं हो सकता। भारतीय संस्कृतिक मानव जीवन के उदात्त मूल्यों के पोषण की अनुशंसा करती है। उसी का पल्लवन करती है। संगोष्ठी में मौजूद सभी अतिथियों ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा को स्थानीय स्तर से प्रारम्भ कर वैश्विक स्तर तक ले जाना होगा।
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संगोष्ठी में अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति यूएसए, के अध्यक्ष मेजर शेर बहादुर सिंह,कम्प्लूटेन्स विश्वविद्यालय मैड्रिड, स्पेन के प्रो. प्रदीप के दिवाकर, यूनिवर्सिटी ऑफ फारेन स्टडीज, गुवांगडांग, चीन के डॉ. गंगा प्रसाद शर्मा, क्वींस विश्वविद्यालय, बेलफास्ट के प्रो. रत्नशेखर, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के प्रो. एसके राय,संयुक्त अरब अमीरात की शिक्षाविद डॉ. पूर्णिमा वर्मन, ‘शरद आलोक’, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के शिक्षासंकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. अमिता बाजपेई, प्रो. रीना अग्रवाल, प्रो. अर्पणा गोडबोले, प्रो. आराधना पाण्डेय, डॉ. किरन लता डंगवाल, हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. भीम राव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय से डा. हरिशंकर सिंह विभागाध्यक्ष, प्रो. रिपू सूदन सिंह, संकायाध्यक्ष सामाजिक अध्ययन संस्थान, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ के शिक्षा संकाय से डॉ. नलिनी मिश्रा सहित अन्य विश्वविद्यालयों से भी भाग लिया। संगोष्ठी का उद्घाटन दीप प्रज्जवलन व मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इसके बाद रजत ग्रुप ऑफ कालेजेज के चेयरमैन डॉ. आरजे सिंह चौहान ने मुख्य अतिथि व प्रबन्ध निदेशिका पुष्पलता सिंह ने अन्य अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। तत्पश्चात सभी अतिथियों ने स्मारिका का विमोचन किया।
इसके बाद चेयरमैन डॉ. चौहान ने अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. चौहान व प्रबन्ध निदेशिका पुष्पलता सिंह ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उद्घाटन सत्र का समापन किया।