पंजाब कांग्रेस में लंबे समय से जारी कलेश शुक्रवार को नवजोत सिंह सिद्धू के अध्यक्ष बनने के बाद खत्म होता नजर आ रहा है। अध्यक्ष का पद संभालते ही सिद्धू ने कहा- कांग्रेस का हर कार्यकर्ता प्रधान है, हम विरोधियों का बिस्तर गोल कर देंगे। उन्होंने कहा- सीएम अमरिंदर सिंह जी के साथ मिलकर काम करेंगे, किसानों के लिए कुछ कर सकूं इसीलिए तो पद संभाला है।
इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह भी साथ रहे, शुरुआत में सिद्धू उनके बगल बैठने से हिचक रहे थे लेकिन बाद में दोनों के बीच सबकुछ समान्य दिखा। गौरतलब है कि सिद्धू विवाद सुलझने के बाद पार्टी के भीतर जारी कलह भी समाप्त हो गयी, अब अगले साल होने वाले चुनाव की तैयारियां शुरु होंगी।
कांग्रेस ने 2017 के चुनाव से पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला जोर-शोर से उठाया था लेकिन साढ़े चार साल में जांच सिरे न चढ़ने के कारण अब एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू इस मामले को उठा सकते हैं। अध्यक्ष बनने से पूर्व भी उन्होंने बरगाड़ी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लगातार हमला बोला था। अभी इस कार्यक्रम के बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन सिद्धू की टीम यह कार्यक्रम बना रही है।
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कांग्रेस हाईकमान ने अंततः 48 दिन की मशक्कत और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध को दरकिनार करते हुए सिद्धू के नाम पर मोहर लगाई है। कांग्रेस ने सिद्धू के साथ चार वर्किंग प्रधान भी लगाए है। इनमें दोआबा से ओबीसी कोटे के संगत सिंह गिलजियां, माझा से दलित कोटे से सुखविंदर सिंह डैनी, मालवा से हिंदू कोटे से पवन गोयल और सिख कोटे से कुलजीत सिंह नागरा शामिल हैं।