कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का अचानक रायबरेली दौरा रद्द हो गया। कई कार्यक्रमों को छोड़कर वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। लखनऊ एयरपोर्ट से उन्होंने नौ बजे दिल्ली की फ्लाइट पकड़ ली। हालांकि लंबे अंतराल के बाद रायबरेली में प्रियंका के दौरे को लेकर पार्टीजनों में काफ़ी जोश था और कार्यकर्ता अपने मन की बात कहने को लेकर बेहद उत्साहित भी थे। लेकिन अचानक दौरा रद्द होने से रायबरेली के कांग्रेसजनों में निराशा है।
प्रियंका वाड्रा मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर थी। वह रविवार को मंदिर में दर्शन करने के बाद दिनभर अपने भुएमऊ स्तिथ आवास पर कार्यकर्ताओं से मिलती रहीं। प्रियंका ने कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत करने और बूथ व ग्राम समिति पर जोर देने को कहा।
उन्होंने बूथ और ग्राम समिति का संगठनात्मक ढांचा को तैयार करने का टिप्स देते हुए सरकार को घेरने की रणनीति बनाने की बात की। प्रियंका ने समितियों में महिलाओं की भी भागीदारी की बात कही थी।
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प्रियंका ने कार्यक्रताओं को 20 सप्ताह 24 घंटे काम करने का मूलमंत्र दिया था। इसके बाद देर रात वह मोहनगंज में दीवार गिरने से मृतकों के परिजनों से भी मिली और सहायता का आश्वासन भी दिया। हालांकि सोमवार को उनके कई कार्यक्रम थे, जिनमें उनका आमजन, प्रतिनिधिमंडलों व अन्य कार्यक्रताओं से मिलने का कार्यक्रम था।
लेकिन अब मुलाकात न होने से सब मायूस हैं। प्रियंका वाड्रा के दौरे के रद्द होने से जहां कार्यकर्ता मायूस हैं वहीं पार्टी के पुराने नेताओं ने भी कड़ी टिप्पणी की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने ट्वीट किया कि अमेठी का प्रभारी बनकर प्रियंका वाड्रा ने जो परिणाम राहुल गांधी को दिया था। उसकी पुनरावृत्ति 2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सुनिश्चित करने में वह जुटी हैं। इसके अलावा पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सिराज मेहंदी ने भी प्रियंका वाड्रा के दौरे और रणनीति पर सवाल खड़े किए।