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लॉकडाउन से शहरों में सब्जियों के दामों में उछाल, तो ग्रामीण क्षेत्रों में औंधे मुंह गिरे दाम

लॉकडाउन

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लखनऊ। कोरोना संक्रमण के बढ़ने पर उत्तर प्रदेश के 19 जिलों को लॉकडाउन किया गया है। इसका प्रतिकूल असर फल,फूल और सब्जी कारोबारियों पर पड़ रहा है।

लॉकडाउन से छोटे किसान अपने उत्पाद को शहर के मंडियों तक पहुंचाने में असमर्थ है जिससे शहरी क्षेत्रों में सब्जियों के दामो में उल्लेखनीय उछाल दर्ज

लॉकडाउन किये गये जिलों में खाद्य सामग्री और दूसरी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति निर्विघ्न किये जाने के सरकार के तमाम उपायों के बावजूद छोटे किसान अपने उत्पाद को शहर के मंडियों तक पहुंचाने में असमर्थ है जिससे शहरी क्षेत्रों में सब्जियों के दामो में उल्लेखनीय उछाल दर्ज किया जा रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इनके दाम औंधे मुंह नीचे आ गिरे हैं।

शहरी क्षेत्र में आलू,टमाटर,लौकी और कद्दू समेत अन्य सब्जियां महंगे दामों पर बिक रही हैं

लखनऊ,कानपुर,आगरा और वाराणसी जैसे अन्य लॉकडाउन जिलों के शहरी क्षेत्र में आलू,टमाटर,लौकी और कद्दू समेत अन्य सब्जियां महंगे दामों पर बिक रही हैं जबकि एटा की सब्जी मंडी में आलू और टमाटर 20 रूपये प्रति किलो होने के बावजूद ग्राहकों का टोंटा है।

बता दें कि प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को ही एक उच्च स्तरीय बैठक में सब्जी,दवा समेत अन्य जरूरी वस्तुओं को ढोने वाले मालवाहन वाहनो के निर्विघ्न आवागमन के निर्देश जारी किये थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यापारियों और थोक विक्रेताओं से अपील की थी कि वे लोगों के घरों तक खाने पीने के सामान पहुंचाने की प्रबंध करें।

लगातार आठवें दिन पेट्रोल-डीजल के दाम पर लगी रही ब्रेक

लॉकडाउन के पहले दिन सोमवार को कानपुर की रामादेवी,गोविंदनगर सब्जी मंडियों में ग्राहकों की भीड़ टूट पडी थी जिससे लाकडाउन निरर्थक लगने लगा था। यहां आलू 25 से 30 रुपये,टमाटर 40 से 60 रुपये किलो तक बिका वहीं पालक 40 रुपये किलो,लौकी 50 रूपये,कद्दू 40 रूपये और प्याज के दाम 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गये।

नवरात्र के दिनों हर साल गुलजार रहने वाली फूल मंडी महापर्व की पूर्व संध्या पर वीरान नजर आयी

लाकडाउन के उल्लघंन की सूचना पर सरकार के सख्त तेवरों के बाद मंगलवार को ज्यादातर जिलों में लोग अनुशासन में नजर आये, लेकिन सुबह 11 बजे तक खुले बाजारों में सब्जियों के दामों में खासा इजाफा देखा गया। नवरात्र के दिनों हर साल गुलजार रहने वाली फूल मंडी महापर्व की पूर्व संध्या पर वीरान नजर आयी। मंदिरों के कपाट बंद रहने से श्रद्धालु घरों में पूजा अर्चना कर रहे हैं। इसका सीधा असर फूल व्यवासियों पर पड़ा है। नवरात्र के दिनो चांदी काटने वाले कारोबारी जहां मायूस है वहीं सैकडों टन फूल बागवान की ही शोभा बढा रहे हैं।

साग सब्जियों के दामों के बढोत्तरी और फूलों के नदारद रहने से हालांकि लोग उदास नहीं है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि कोरोना से लड़ने के सरकार के प्रयास सराहनीय है और उसमें वे जितना योगदान कर सकें, कम होगा। लोगों का मानना है कि शक्ति की देवी मां भवानी कोरोना के संकट को खत्म करेंगी और देश में फिर खुशहाली लौट आयेगी।

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