नई दिल्ली। मनोज दास (Manoj Das)का मंगलवार को पुडुचेरी के एक अस्पताल में 87 साल की उम्र में निधन हो गया। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए पिछले साल उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath kovind) ने बुधवार को प्रसिद्ध लेखक और शिक्षाविद मनोज दास (Manoj Das) के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका निधन अंग्रेजी और ओड़िया लेखन की दुनिया को बड़ी क्षति है।
The passing of Manoj Das is a huge loss to the world of Odia & English writing. His towering stature as a fiction writer, his simplicity & spirituality gave him a unique identity. A Padma Bhushan, he was given many prestigious awards. My condolences to his family and admirers.
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 28, 2021
राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से अपने ट्वीट में कहा, ‘गल्प लेखन के तौर पर उनका उच्च व्यक्तित्व, उनकी सरलता, आध्यात्मिकता ने उन्हें अलग पहचान दी’।
उन्होंने कहा, ‘मनोज दास (Manoj Das)का निधन अंग्रेजी और ओड़िया लेखन की दुनिया को बड़ी क्षति है’। कोविंद ने कहा, ‘पद्म भूषण से सम्मानित दास को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं’।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी बुधवार को प्रसिद्ध लेखक और शिक्षाविद मनोज दास (Manoj Das) के निधन पर शोक जताया और कहा कि अंग्रेजी और ओड़िया साहित्य के लिए उन्होंने अमूल्य योगदान दिया।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मनोज दास (Manoj Das) ने खुद को एक जानेमाने शिक्षाविद, लोकप्रिय स्तंभकार और उत्कृष्ट लेकर के रूप में स्थापित किया। उन्होंने अंग्रेजी और उड़िया साहित्य में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने श्री अरविंदों के विचारों को आगे बढ़ाया’। प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर दुख जताते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
Shri Manoj Das distinguished himself as a noted educationist, popular columnist and prolific writer. He made rich contributions to English and Odia literature. He was a leading exponent of Sri Aurobindo's philosophy. Pained by his demise. Condolences to his family. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 28, 2021
गौरतलब है कि मनोज दास (Manoj Das) का मंगलवार को पुडुचेरी के एक अस्पताल में 87 साल की उम्र में निधन हो गया। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए पिछले साल उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।