नई दिल्ली। राफेल केस की सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका खारिज हो गई है। इस फैसले के बाद शुक्रवार याचिकाकर्ता वकील एवं समाजसेवी प्रशांत भूषण और पूर्व मंत्री व पत्रकार अरुण शौरी ने मीडिया से मुखातिब हुए।
प्रशांत भूषण ने कहा कि कोर्ट ने हमारी याचिका पर संज्ञान लिया। कोर्ट ने सिर्फ सरकार द्वारा दिए गए एक बंद लिफाफे के दस्तावेजों के आधार पर याचिका खारिज कर दी। जबकि हमें सील बंद लिफाफा नहीं दिया गया।
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उन्होंने कहा कि ‘द हिंदू’ की स्टोरी से साफ हो गया था कि रक्षा मंत्रालय के साथ ही पीएमओ भी डील कर रहे थे। एनएसए अजीत डोभाल भी डील कर रहे थे। हमारी याचिका में मांग थी कि पूरे मामले की सीबीआई की जांच कराई जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह जांच हम कराने में सक्षम ही नहीं है। हम तो यह कह ही नहीं रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में हमारी प्रेयर को समझा ही नहीं।
प्रशांत भूषण ने कहा कि अगर सरकार इतनी ही पाक साफ है। तो हम सरकार से मांग करते हैं कि वह खुद पूरे मामले की सीबीआई जांच कराए। उन्होंने कहा कि हम सीबीआई निदेशक से मांग करते हैं कि वह ख़ुद सरकार से राफ़ेल पर जांच करने की अनुमति मांगें।