पिछले साल के मुकाबले इस साल आलू की पैदावार में काफी कमी आई है। इस कम पैदावार ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें और बढ़ा दी हैं। कम पैदावार होने और सही भाव न मिलने से भी किसान परेशान हैं। यूपी के हाथरस का किसान चाहता है कि उसे आलू की कीमत मौजूदा समय से दोगुनी मिलनी चाहिए, तभी उनका और प्रधानमंत्री का किसान की आमदनी दोगुनी होने का सपना साकार होगा।
बीते साल आलू की पैदावार 45,360 हजार हेक्टेयर में हुई थी। किसान को उसकी आलू की फसल का भाव भी बहुत अच्छा मिला था, जिसके चलते किसानों ने आलू की पैदावार का क्षेत्रफल इस साल बढ़ा लिया और 48,520 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की पैदावार की है, लेकिन पहले तो मौसम मार और समय से पहले पड़ी तेज गर्मी ने उनका गणित बिगाड़ दिया। गर्मी के चलते आलू की पैदावार तो दस से बारह फीसदी तक काम हुई ही है साथ ही भाव भी अच्छा नहीं मिल रहा है।
आलू किसान ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल उनकी आलू की फसल करीब 10 फीसदी तक कम हुई है। इसका कारण उन्होंने मौसम परिवर्तन बताया। किसान ने कहा कि ठंड और कोहरा कम पड़ा है और इस बार गर्मी भी जल्दी पड़ने लगी है।
आलू किसानने बताया कि इस बार मौसम फसल के विपरीत रहा है। उन्होंने बताया कि आलू की फसल को वह तापमान नहीं मिल पाया है जिसकी फसल को जरूरत थी। आलू किसान ने बताया कि आलू की कीमत दोगुनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की कीमत पर किसान को फसल की लागत भी नहीं मिल पा रही है।
फरवरी महीने में गर्मी बढ़ने से पैदावार हुई कम
उप कृषि निदेशक एच. एन. सिंह ने बताया कि किसानों से जानकारी मिली है कि आलू की पैदावार कुछ कम हुई है। उन्होंने भी इसके लिए मौसम को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि फरवरी माह में मौसम का उतार-चढ़ाव अधिक होने की वजह से आलू की पैदावार इस बार कम हुई है।