पुलिस अफसरों के सत्ताधारी दलों के साथ गठजोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है, CJI एनवी रमना ने कहा कि देश में ये परेशानी करने वाला ट्रेंड है। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की उन्होंने कहा- पुलिस अफसर सत्ता में मौजूद राजनीतिक पार्टी का फेवर लेते हैं और उनके विरोधियों के खिलाफ कार्यवाही करते हैं।
उन्होंने कहा- जब विरोधी सत्ता में आते हैं तो पुलिस अफसरों पर कार्यवाही करते हैं, इस हालात के लिए पुलिस विभाग को ही जिम्मेदार ठहराना चाहिए। दरअसल IPS अफसर गुरजिंदर पाल के खिलाफ IPC की धारा 124 A के तहत राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज किए गए हैं।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, पुलिस अधिकारी जो सत्ता का दुरुपयोग करते हैं और राजनीतिक विरोधियों को परेशान करते हैं, वे सत्ता का दुरुपयोग करते हैं। बाद में विरोधी सत्ता में आते हैं तो पुलिस अफसरों पर कार्यवाही करते हैं । इस हालात के लिए पुलिस विभाग को ही जिम्मेदार ठहराना चाहिए, उनको कानून के शासन पर टिके रहना चाहिए। इसे रोकने की जरूरत है।
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गुरजिंदर पाल को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि पुलिस उन्हें चार हफ्ते तक राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार नहीं करेगी। बता दें कि, इस साल की शुरुआत में छापे के बाद आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक अवैध संपत्ति का आरोप लगाया गया था। दूसरी ओर, छतीसगढ़ सरकार कीओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि चार्जशीट पिछले हफ्ते दाखिल की गई है , वे दो महीने से अंडरग्राउंड हैं। वे(गुरजिंदर) वरिष्ठ पुलिस अफसर हैं फिर भी फरार हैं।