Site icon News Ganj

‘होरी रंग लगाओ भंग, हो कोरोना के संग’ …

Holi 2021

Holi 2021

लखनऊ। होली (Holi) का त्यौहार देश में बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है  लेकिन पिछले साल की तरह इस बार भी होली (Holi)  का त्यौहार ऐसे समय में मनाया जाएगा, जब एक बार फिर से कोविड-19 संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।  ऐसे में एक बार फिर होली (Holi)  का त्यौहार फीका चला जाएगा, इसका अंदेशा जताया जा रहा है।  अब कोरोना संक्रमण के बीच त्यौहार कैसे मनाया जाए, इसके लिए कुछ कवयित्रियों ने अपनी पंक्तियों से लोगों को कुछ सुझाव दिए हैं।
कुंभ 2021 : महंतों की हवेलियों में कुंभ की होली पर खूब घुटती थी भांग
राजधानी लखनऊ में कवयित्रियों ने अपनी कविताओं के जरिए संदेश दिया कि कोरोना काल में होली (Holi)  खेलने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। रंग लगाने के बाद पास जाकर गले लगने या हाथ मिलाने की बजाय मुंह से बोलकर शुभकामनाएं दें।  उन्होंने अपनी कविताओं के जरिए लोगों को कुछ सुझाव दिए हैं।

कविताओं में बरसाने की होली का जिक्र

राजधानी में कुछ कवयित्रियों ने अपनी कविताओं के जरिए लोगों को समझाने की कोशिश की है। होली (Holi)  के अवसर पर कोरोना वायरस से बचाव करते हुए होली खेलने संबंधी बेहतरीन पंक्तियां लिखी हैं। पंक्तियों के जरिए बच्चों, युवाओं और वृद्धों को सावधानियां बरतने का संदेश दिया है। उन्होंने अपने लेखन में बरसाने की होली और शाम-ए-अवध का जिक्र किया है।

‘सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ख्याल’

कवयित्रियों ने कहा कि वैसे रंगों के इस त्यौहार में बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग हर कोई इसके उमंग में सराबोर हो जाते हैं। खासतौर पर नई नवेली दुल्हन के लिए पहली होली बेहद महत्वपूर्ण होती है।  ये परम्परा हमारे यहां सदियों से चली आ रही है। कवयित्रियों ने सलाह दी कि होली (Holi)  खेलने के लिए सिर्फ ऑर्गेनिक कलर्स का ही इस्तेमाल करें। पिचकारी से होली (Holi)  खेलें, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो सके। रंग लगाने के बाद पास जाकर गले लगने या हाथ मिलाने की बजाय मुंह से बोलकर शुभकामनाएं दें।

इस साल होली (Holi)  खेलने के दौरान एक समझदारी दिखाएं, लेकिन फिर भी आप होली खेल ही रहे हैं तो ध्यान रहे कि अच्छे से सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें।  कवयित्रियों ने गाया.. होरी रंग लगाओ भंग हो कोरोना के संग’… रंग लगा दो कान्हा मत सोचो परिणाम, हम तेरी राधा रानी हूं तुम मेरे घनश्याम…होली आई रे होली आई रे..बड़े दिनों बाद मिली है बच्चों को आजादी…

Exit mobile version