प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्वोत्तर राज्यों में कोरोना के हालात पर चर्चा की। इसमें असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा और नगालैंड के मुख्यमंत्री शामिल हुए। इस दौरान मोदी ने संभावित तीसरी लहर पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हिल स्टेशन, मार्केट में बिना मास्क और प्रोटोकॉल को नजरअंदाज कर भारी भीड़ का उमड़ना ठीक नहीं है। यह हमारे लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग सीना तानकर बोलते हैं कि तीसरी लहर आने से पहले एन्जॉय करना चाहते हैं। लोगों को समझना होगा कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी। सवाल होना चाहिए कि इसे कैसे रोकना है? प्रोटोकॉल का पालन कैसे करना है? कोरोना अपने आप नहीं आता, कोई जाकर ले आए, तो आता है। हम सावधानी बरतेंगे, तो ही इसे रोक पाएंगे।
हमें वायरस के हर वैरिएंट पर नजर रखनी होगी। संक्रमण को रोकने के लिए हमें माइक्रो-लेवल पर और सख्त कदम उठाने होंगे। ये बहरूपिया है। बार-बार रंग-रूप बदलता है। म्यूटेशन के बाद यह कितना परेशान करने वाला होगा। इस पर एक्सपर्ट स्टडी कर रहे हैं। प्रिवेंशन और ट्रीटमेंट बहुत जरूरी है। इस पर हमें अपना पूरा फोकस रखना है। वायरस का प्रहार दो गज की दूरी, मास्क और वैक्सीनेशन के कवरेज के आगे फीका पड़ जाएगा।
हेमंत बिस्व सरमा बता रहे थे कि उन्होंने 6 हजार से ज्यादा माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाए। इससे जिम्मेदारी तय होती है। माइक्रो-कंटेनमेंट जोन पर जितना जोर लगाएंगे, हम इस परिस्थिति से उतना जल्दी बाहर आएंगे। पिछले डेढ़ साल में जो अनुभव मिले हैं, उनका इस्तेमाल करना होगा। राज्यों और जिलों में कई इनोवेशन किए गए हैं, इन्हें जारी रखना होगा।
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एक्सपर्ट बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि असावधानी, लापरवाही और भीड़भाड़ से कोरोना संक्रमण में भारी उछाल आ सकता है। जरूरी है कि हर स्तर पर कदम गंभीरता से उठाए जाएं। अधिक भीड़ वाले जो कार्यक्रम रुक सकते हैं, उन्हें रोकना चाहिए। केंद्र सबको मुफ्त वैक्सीन मुहैया करा रहा है। तीसरी लहर के लिए वैक्सीनेशन को तेज करना होगा। सिलेब्रिटी, धर्म, शिक्षा और हर क्षेत्र से जुड़े लोग वैक्सीनेशन के लिए लोगों को जागरूक करें।