नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि शेयर बाजार में निवेशकों के 18 लाख करोड़ रुपए डूब गये हैं। रुपया रिकार्ड निचले स्तर पर आ गया है। अर्थव्यवस्था बदहाल हो गयी है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चुप्पी साधे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था पर साधे हुए हैं चुप्पी
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बदहाल हो गई, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि श्री मोदी और श्रीमती सीतारमण इस बारे में मौन साधे हैं।
आजादी के बाद देश के निवेशकों के लिए यह सबसे काला दिन
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार आज 2700 अंक गिर गया और निवेशकों का 11 लाख करोड़ रुपया डूब गया। आजादी के बाद देश के निवेशकों के लिए यह सबसे काला दिन है। शेयर बाजार में इस गिरावट का सीधा नुकसान उन छोटे छोटे निवेशकों को होगा जिनका पैसा बाजार में लगा है। दो दिन पहले बाजार 2400 अंक गिरा और तब निवेशकों का बाजार में सात लाख करोड़ रुपए डूबा था। प्रवक्ता ने कहा कि रुपया आज सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। डालर के मुकाबले रुपये में यह रिकार्ड गिरावट है।
भारतीय स्टेट बैंक में 44 करोड 51 लाख खाता धारकों के बचत बैंक खाते पर ब्याज 3.5 फीसदी से घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया
सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक में 44 करोड 51 लाख खाता धारकों के बचत बैंक खाते पर ब्याज 3.5 फीसदी से घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है। इससे आम खाता धारकों को 2700 करोड़ रुपए सालाना का नुकसान होगा। उनका आरोप था कि इस पैसे से एसबीआई को येस बैंक को खरीदना है। यस बैंक से श्री मोदी के करीबी लोगों को ऋण दिया गया जो डूब गया है। उसकी भरपाई जनता के पैसे से करने की तैयारी है।
मोदी जी को बधाई!
1 अमेरिकी डालर = ₹75.16
आपने रुपैया “मार्गदर्शक मंडल” में पहुँचा दिया। pic.twitter.com/s2JK5T8Tze
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 12, 2020
उन्होंने कहा कि आश्चर्य यह है कि पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार नहीं घटा रही है जबकि कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में 32 डालर से 35 डलर प्रति बैरल है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2004 में कच्चे तेल की कीमत 35 डालर प्रति बैरल थी तो उस समय देश में पेट्रोल का दाम 35.85 पैसा प्रति लीटर था ,लेकिन आज पेट्रोल 70.79 प्रति लीटर है। आम उपभोक्ताओं काे नुकसान हो रहा हैं। इसी तरह से 2004 में डीजल 26.28 पैसा था जो आज 65 रुपए हो गया है। यानी सरकार 38.79 अपनी जेब में डाल रही हैं।