CAA नागरिकता देने वाला कानून

पीएम मोदी बोले- CAA नागरिकता देने वाला कानून है, छीनने वाला नहीं

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को बेलूर मठ में युवाओं को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि देशवासियों के लिए बेलूर मठ की भूमि पर आना किसी तीर्थयात्रा से कम नहीं है, लेकिन मेरे लिए तो हमेशा से ही ये घर आने जैसा ही है।

पीएम मोदी ने कहा कि CAA को लेकर फैलाया जा रहा है भ्रम 

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने नागरिकता कानून (CAA)को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने एक बार फिर साफ किया कि नागरिकता कानून से देश में रह रहे लोगों को कोई खतरा नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, यह नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का कानून है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि CAA, नागरिकता लेने का नहीं, नागरिकता देने का कानून है।  सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, उस कानून में सिर्फ एक संशोधन है। इतनी स्पष्टता के बावजूद, कुछ लोग सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आज का युवा ही ऐसे लोगों का भ्रम भी दूर कर रहा है। तो और, पाकिस्तान में जिस तरह दूसरे धर्म के लोगों पर अत्याचार होता है, उसे लेकर भी दुनिया भर में आवाज हमारा युवा ही उठा रहा है।

CAA को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ राजनी‍तिक दल इसे जानबूझकर समझना नहीं चाहते 

CAA को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति में फंसे लोग समझदार होते हुए भी इसे समझना नहीं चाह रहे। उन्होंने कहा कि इस कानून को रातों-रात नहीं बल्कि सोच विचार कर बनाया गया है, लेकिन कुछ राजनी‍तिक दल इसे जानबूझकर समझना नहीं चाहते हैं। उत्तर भारत के राज्यों को लेकर भी प्रधानमंत्री ने स्थिति स्पष्ट करने कोशिश की। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्‍ट हमारा गर्व है। वहां की संस्‍कृति, रीति-रिवाज, जनसंख्‍या पर इस कानून का कोई विपरीत प्रभाव न पड़े। इसका प्रभाव केंद्र सरकार ने किया है। इतनी स्‍पष्‍टता के बावजूद कुछ लोग अपने राजनीतिक कारणों से इसका विरोध कर रहे हैं।

कल पीएम से मुलाकात में ममता ने उठाया था मुद्दा

शनिवार को पीएम मोदी ने सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। इस दौरान ममता बनर्जी ने नागरिकता कानून के खिलाफ मोदी से बातचीत भी की। ममता बनर्जी की सीएए वापस लेने की मांग पर पीएम ने दिल्ली आकर बात करने को कहा। ममता बनर्जी ने कहा कि यह मेरा संवैधानिक कर्तव्य है कि हम देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का स्वागत करें। यह शिष्टाचार मुलाकात थी। बंगाल के मंत्री फ़िरहाद हाकिम ने प्रधानमंत्री की एयरपोर्ट पर अगवानी की। मैंने बैठक में अपनी दो मांगों को रखा। राजभवन से बस कुछ ही मीटर दूर रानी रासमणि रोड पर छात्रों के प्रदर्शन में ममता शामिल हुई थीं।

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