रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Mdi) ने ‘विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़ संकल्प यात्रा’ के तहत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित इंडोर स्टेडियम में आज शनिवार को बटन दबाकर 34 हजार 427 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसके तहत भिलाई के जंजगिरी में रेलवे के 50 मेगावाट सोलर पॉवर प्लांट को राष्ट्र के नाम समर्पित किया। इस मौके पर प्रदेश के सीएम विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) , स्कूल शिक्षा बृजमोहन अग्रवाल, कृषि मंत्री रामविचार नेताम आदि मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Mdi)ने प्रधानमंत्री कोयला मंत्रालय अंतर्गत रायगढ़ क्षेत्र में 173.46 करोड़ रूपए की ओपन कास्ट प्रोजेक्ट छाल कोल हेंडलिंग प्लांट, दीपका क्षेत्र में 211.22 करोड़ रूपए की लागत की ओपन कास्ट प्रोजेक्ट दीपका कोल हेंडलिंग प्लांट, रायगढ़ क्षेत्र में 216.53 करोड़ रूपए की लागत के ओपन कास्ट प्रोजेक्ट बरौद कोल हेंडलिंग प्लांट का लोकार्पण किया। इन तीनों ओपन कास्ट प्रोजेक्ट से रेपिड लोडिंग सिस्टम के माध्यम से लोडिंग टाईम में कमी आएगी और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम होगा।
श्री मोदी (PM Mdi)ने प्रधानमंत्री नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय अंतर्गत 907 करोड़ रूपए की लागत से राजनांदगांव जिले के 9 गांवो के 451 एकड़ क्षेत्र में निर्मित 100 मेगावाट एसी/155 मेगावाट डीसी सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री मोदी (PM Mdi)ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत 1007 करोड़ रूपए की 2 प्रोजेक्ट अंबिकापुर से शिवनगर तक 52.40 किलोमीटर लंबाई की सड़क और बनारी से मसनियाकला तक 55.65 किलोमीटर लंबी सड़क (राष्ट्रीय राजमार्ग-49) का लोकार्पण किया। अंबिकापुर-शिवनगर सड़क मार्ग से रायपुर राजधानी और कोरबा ओद्योगिक क्षेत्र के साथ कनेक्टिविटी बढे़गी जिससे क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। इसी तरह बनारी-मसनियाकला सड़क मार्ग से बिलासपुर से रायगढ़/उड़ीसा बॉर्डर तक आवागमन में समय और इंधन की बचत होगी और क्षेत्र के गांवों का सामाजिक आर्थिक विकास होगा।
काशी तो संवरने वाली है, मुझे तो यहां के जन जन को, हर मन को संवारना है : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Mdi)ने ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत 15,799 करोड़ रूपए के 1 प्रोजेक्ट – लारा सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट स्टेज-1 (2x800MW) का लोकार्पण किया। यह परियोजना छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले में स्थित है। यह प्रोजेक्ट सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Mdi)ने रेल मंत्रालय अंतर्गत 583 करोड़ रूपए के 2 प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया जिसमें 280 करोड़ रूपए की लागत से भिलाई में 50 मेगावाट सोलर पावर प्लांट और 303 करोड़ रूपए की लागत से बिलासपुर-उसलापुर फ्लाईओवर का लोकार्पण शामिल है। 50 मेगावाट सोलर प्लांट की स्थापना से रेलगाड़ियाँ चलाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग होगा, हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
बिलासपुर-उसलापुर फ्लाईओवर (10.5 किलोमीटर) 303 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। हावड़ा की ओर से आने वाली सभी ट्रेनें बिलासपुर यार्ड से बिना किसी क्रॉसमूवमेंट के और हावड़ा-मुंबई रूट पर आवाजाही में कोई बाधा उत्पन्न किए बिना सीधे कटनी की ओर जा सकेंगी। इससे बिलासपुर में यातायात का दबाव कम होगा। साथ ही ट्रेनों की गतिशीलता में वृद्धि होगी, कृषि उत्पादों की बाजार तक आसानी से पहुंच होगी। नवनिर्मित बिलासपुर-उसलापुर रेल ओवर रेल फ्लाई ओवर पर बिलासपुर से फ्रेट ट्रेन से होकर बिलासपुर से मालगाड़ी को हरी झंडी भी दिखाई ।
एक नजर में जंजगिरी रेलवे सोलर पॉवर प्लांट
भिलाई में 280 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित रेलवे सोलर पॉवर प्लांट की क्षमता 50 मेगावाट है। यह सोलर पावर प्लांट सौर ऊर्जा से रेल गाड़ियों का परिचालन, ग्रीन इनर्जी, क्लीन इनर्जी के संकल्पना का विकास, कार्बन डायऑक्साइड के उत्सर्जन में प्रतिवर्ष 86 हजार टन की कमी और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से निपटने में सहायक होगा। दुर्ग और रायपुर के बीच सौर ऊर्जा से रेलगाड़ियां चलेंगी। इसके साथ ही रेलवे के आवासों में भी यहीं की बिजली का उपयोग किया जाएगा।
रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के सहयोग से चेन्नई की एक कंपनी ने 50 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित है किया है, सौर ऊर्जा से बिजली पैदा होगी और पॉवर ग्रिड के माध्यम से रेलवे को इसकी सप्लाई की जाएगी। जंजगिरी के 210 एकड़ की जमीन पर अगले 25 सालों के लिए इस सोलर प्लांट की स्थापित किया जा रहा है। इस प्लांट को तैयार करने में लगभग 280 करोड़ की लागत से बन रही हैं। इस सौर ऊर्जा प्लांट से रेलवे को करोड़ों बचत होगी। बिजली की मौजूदा दर के हिसाब से ही सालाना करीब 13 करोड़ और 25 साल में 360 करोड़ रुपये की बचत होगी।
शिलान्यास कार्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Mdi)ने ऊर्जा मंत्रालय अंतर्गत रायगढ़ में लारा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट स्टेज-2 (2x800MW) का शिलान्यास किया।यह परियोजना क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी। यह परियोजना आस-पास के क्षेत्र में अधोसंरचना विकास (जैसे पहुंच मार्ग, जल निकासी, संचार, परिवहन सुविधाएं इत्यादि) और सामाजिक अधोसंरचना (जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली) की उपलब्धता में और सुधार करेगी।