नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान को 4 मेडिकल कॉलेजों की सौगात दी और राजस्थान के बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा जिलों में चार नए मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने राज्य की राजधानी जयपुर में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी का उद्घाटन भी किया।
भारत ने आपदा में आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया
शिलान्यास और उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 100 साल की सबसे बड़ी महामारी ने दुनिया के हेल्थ सेक्टर के सामने अनेक चुनौतियां खड़ी कर दी। हर देश अपने-अपने तरीके से इस संकट से निपटने में जुटा है। भारत ने इस आपदा में आत्मनिर्भरता और अपने सामर्थ्य में बढ़ोतरी का संकल्प लिया है।
आत्मनिर्भरता को लेकर अहम कदम
पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान में 4 नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण के कार्य का प्रारंभ और जयपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी (CIPET) का उद्घाटन इसी दिशा में एक अहम कदम है। मैं राजस्थान के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने आगे कहा, आज जब ये कार्यक्रम हो रहा है, तब जयपुर सहित देश के 10 CIPET सेंटर्स में प्लास्टिक और उससे जुड़े वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स को लेकर जागरूकता कार्यक्रम भी चल रहा है। इस पहल के लिए भी मैं देश के सभी गणमान्य नागरिकों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।
2014 से 23 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिली
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत ने कोविड संकट के दौरान आत्मनिर्भरता की राह पकड़ी। राजस्थान में चार मेडिकल कॉलेजों और CIPET-जयपुर पर काम की शुरुआत इस संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम है। 2014 से केंद्र सरकार ने राजस्थान के लिए 23 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है। इसमें से 7 मेडिकल कॉलेज पहले से ही काम कर रहे हैं और हम आज चार की नींव रख रहे है।
हेल्थ सेक्टर की कमियां दूर करने की कोशिश
पीएम मोदी ने कहा, ‘मेडिकल शिक्षा के मामले में बीते दो दशक के अथक प्रयासों से गुजरात ने मेडिकल सीटों में लगभग छह गुना वृद्धि दर्ज की है। मुख्यमंत्री के रूप में देश के हेल्थ सेक्टर में मुझे जो कमियां अनुभव होती थी, बीते 6-7 वर्षों से उनको दूर करने की निरंतर कोशिश की जा रही है। देश के स्वास्थ्य सेक्टर को ट्रांसफॉर्म करने के लिए हमने एक राष्ट्रीय अप्रोच, एक नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर काम किया। स्वच्छ भारत अभियान से लेकर आयुष्मान भारत और अब आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तक, ऐसे अनेक प्रयास इसी का हिस्सा हैं। उन्होंने आगे कहा, आयुष्मान भारत योजना से ही अभी तक राजस्थान के लगभग 3.50 लाख लोगों का मुफ्त इलाज हो चुका है। गांव, देहात में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने वाले लगभग 2,500 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर आज राजस्थान में काम करना शुरू कर चुके हैं।
7 सालों में 170 नए मेडिकल कॉलेज हुए तैयार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, चाहे एम्स हो, मेडिकल कॉलेज हो या फिर एम्स जैसे सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल हों, इनका नेटवर्क देश के कोने-कोने तक तेजी से फैलाना बहुत जरूरी है। आज हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि 6 एम्स से आगे बढ़कर आज भारत 22 से ज्यादा एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा, इन 6-7 सालों में 170 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज तैयार हो चुके हैं और 100 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज पर काम तेजी से चल रहा है। 2014 में देश में मेडिकल की अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की कुल सीटें 82 हजार के करीब थीं। आज इनकी संख्या बढ़कर 1 लाख 40 हजार सीट तक पहुंच रही है।