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पीएम मोदी ने साबरमती आश्रम से पदयात्रा को दिखाई हरी झंडी

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नई दिल्ली । पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, हम भारतीय चाहे देश में रहे हों या विदेश में, हमने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है। हमें हमारे संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है। लोकतंत्र की जननी भारत आज भी लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की वेबसाइट

आज भी भारत की उपल्धियां सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं। भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है।

कोरोना काल में ये हमारे सामने प्रत्यक्ष सिद्ध भी हो रहा है। मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है।

आज दुनिया के देश भारत का धन्यवाद कर रहे हैं, भारत पर भरोसा कर रहे हैं। यही नए भारत के सूर्योदय की पहली छटा है. यही हमारे भव्य भविष्य की पहली आभा है।

पीएम मोदी (PM Modi) ने बताया ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का मतलब

आजादी का अमृत महोत्सव यानी- आजादी की ऊर्जा का अमृत.

आजादी का अमृत महोत्सव यानी – स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत.

आजादी का अमृत महोत्सव यानी – नए विचारों का अमृत.  नए संकल्पों का अमृत.

आजादी का अमृत महोत्सव यानी – आत्मनिर्भरता का अमृत

भारत की उपल्धियां दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं : पीएम मोदी

पीएम मोदी  (PM Modi)ने कहा, हम भारतीय चाहे देश में रहे हों या विदेश में, हमने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है। हमें हमारे संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है। लोकतंत्र की जननी भारत आज भी लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है।

आज भी भारत की उपल्धियां सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं। भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है।

कोरोना काल में ये हमारे सामने प्रत्यक्ष सिद्ध भी हो रहा है। मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है।

आज दुनिया के देश भारत का धन्यवाद कर रहे हैं, भारत पर भरोसा कर रहे हैं। यही नए भारत के सूर्योदय की पहली छटा है। यही हमारे भव्य भविष्य की पहली आभा है।

दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का हुआ पुनरुद्धार

जालियांवाला बाग में स्मारक हो या फिर पाइका आंदोलन की स्मृति में स्मारक, सभी पर काम हुआ है। बाबा साहेब से जुड़े जो स्थान दशकों से भूले बिसरे पड़े थे, उनका भी विकास देश ने पंचतीर्थ के रूप में किया है।

देश इतिहास के इस गौरव को सहेजने के लिए पिछले 6 सालों से सजग प्रयास कर रहा है। हर राज्य, क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का पुनरुद्धार देश ने दो साल पहले ही पूरा किया था।

भारत का सिर झुकने नहीं दिया

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा, 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है।

आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था। एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी।

देश के कोने-कोने से कितने ही दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा हैं जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए। याद करिए, तमिलनाडु के 32 वर्षीय नौजवान कोडि काथ् कुमरन को, अंग्रेजों ने उनको सिर में गोली मार दी, लेकिन उन्होंने मरते हुए भी देश के झंडे को जमीन में नहीं गिरने दिया।

श्यामजी कृष्ण वर्मा, अंग्रेजों की धरती पर रहकर, उनकी नाक के नीचे आजादी के लिए संघर्ष करते रहे, लेकिन उनकी अस्थियां 7 दशकों तक इंतजार करती रही कि कब उन्हें भारतमाता की गोद नसीब होगी. 2003 में विदेश से उनकी अस्थियां मैं अपने कंधे पर उठाकर ले आया था।

तमिलनाडु की ही वेलू नाचियार वो पहली महारानी थीं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इसी तरह, हमारे देश के आदिवासी समाज ने अपनी वीरता और पराक्रम से लगातार विदेशी हुकूमत को घुटनों पर लाने का काम किया था।

अंडमान में जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली आजाद सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था, देश ने उस विस्मृत इतिहास को भी भव्य आकार दिया है। अंडमान निकोबार के द्वीपों को स्वतंत्रता संग्राम के नामों पर रखा गया है।

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