नई दिल्ली। जनऔषधि दिवस समारोह (Jan Aushadhi Diwas) को पीएम मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने जन औषधि योजना सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रही है। जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन मिल रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जन औषधि चिकित्सक, जन औषधि ज्योति और जन औषधि सारथी, ये तीन महत्वपूर्ण सम्मान पाने वाले सभी साथियों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि जन औषधि योजना को देश के कोने-कोने में चलाने वाले और कुछ लाभार्थियों से आज मुझे बात करने का अवसर मिला और जो चर्चा हुई है, उसमें स्पष्ट हुई है कि ये योजना गरीब और विशेष रूप से मध्यम वर्गीय परिवारों की बहुत बड़ी साथी बन रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि जन औषधि योजना सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रही है.जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन मिल रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 1,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र तो ऐसे हैं, जिन्हें महिलाएं ही चला रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यानी ये योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है। इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों में, नॉर्थईस्ट में, जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है।
उन्होंने कहा कि आज 7,500वे केंद्र का लोकार्पण किया गया है तो वो शिलांग में हुआ है। नॉर्थईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि 7500 के पड़ाव तक पहुंचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि 6 साल पहले देश में ऐसे 100 केंद्र भी नहीं थे.हम जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी 10,000 का लक्ष्य पूर्ण करना चाहते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से फार्मा सेक्टर में संभावनाओं का एक नया आयाम भी खुला है। आज मेड इन इंडिया दवाइयां और सर्जिकल्स की मांग भी बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा कि मांग बढ़ने से उत्पादकता भी बढ़ी है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज मोटे अनाजों को ना सिर्फ प्रोत्साहित किया जा रहा है, बल्कि अब भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को International Year of Millets भी घोषित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी Millets पर फोकस से देश को पौष्टिक अन्न भी मिलेगा और हमारे किसानों की आय भी बढ़ेगी।
मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में इलाज में आने वाले हर तरह के भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया गया है, इलाज को हर गरीब तक पहुंचाया गया है। ज़रूरी दवाओं को, हार्ट स्टेंट्स को, नी सर्जरी से जुड़े उपकरणों की कीमत को कई गुना कम कर दिया गया है।
पीएम ने कहा कि देश को आज अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है कि हमारे पास मेड इन इंडिया वैक्सीन अपने लिए भी है और दुनिया की मदद करने के लिए भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने यहां भी देश के गरीबों का, मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान रखा है.आज सरकारी अस्पतालों में कोरोना का फ्री टीका लगाया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में दुनिया में सबसे सस्ता यानि सिर्फ 250 रुपये का टीका लगाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना
इस पहल का उद्देश्य किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराना है. इस परियोजना के तहत ऐसे केंद्रों की संख्या 7499 पहुंच गई है। यह केंद्र देश के सभी जिलों में हैं। वित्त वर्ष 2020-21 (4 मार्च 2021 तक) में बिक्री से आम नागरिकों के करीब 3600 करोड़ रुपये की बचत हुई है, क्योंकि ये दवाएं बाजार दरों के मुकाबले 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक सस्ती हैं।
जनऔषधि केंद्रों के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी देने के लिए 1 मार्च से 7 मार्च के हफ्ते को जनऔषधि सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। इसके लिए ‘जन औषधि – सेवा भी, रोजगार भी’ का नारा दिया गया है। सप्ताह का आखिरी दिन यानी 7 मार्च जन औषधि दिवस (Jan Aushadhi Diwas) के रूप में मनाया जा रहा है।