लखनऊ। पीएम किसान सम्मान (PM Kisan Samman) , देखने में ये मदद भले छोटी हो पर प्रदेश के करोड़ों किसानों के लिए ये बड़ा संबल है। हर फसली सीजन (रबी,खरीफ और जायज) सीजन के पहले 2000-2000 रुपये के समान किस्त में मिलने वाली इस मदद से समय से सीजन की फसल की तैयारी (पलेवा एवं जुताई) और खाद-बीज जैसे जरूरी कृषि निवेश एकत्र करने में मदद मिल जाती है।
उल्लेखनीय है कि बेहतर उत्पादन में फसल की समय से बोआई का सबसे अधिक महत्व होता है। देर से बोआई करने पर उत्पादन तो घटता ही है। बीज भी अधिक लगता है। इसी तरह अगर पलेवा लगाकर खेत की तैयारी न की जाय तो फसल का जमता ठीक नहीं होता। इस सबका असर पैदावार और अंततः संबंधित किसान पर पड़ता है। इन सभी समस्याओं के समाधान का निदान इस योजना से हो रहा है।
यूपी के किसानों को सर्वाधिक लाभ
आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। आबादी का 75 फीसद हिस्सा ग्रामीण इलाकों में रहता है। इनमें से अधिकांश की आजीविका का जरिया खेतीबाड़ी ही है। स्वाभाविक है कि यहां किसानों की संख्या भी सर्वाधिक है। इनमें से 90 फीसद से अधिक किसान लघु एवं सीमांत श्रेणी के है। ऐसे में इस तरह की मदद की सबसे अधिक दरकार भी यहां के किसानों को है और यह मिल भी रही है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के अनुसार उत्तर प्रदेश के 2.60 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान (PM Kisan Samman) योजना का लाभ मिल रहा है। अब तक 11 किश्तों में इनके खाते में सीधे 48311 करोड़ रुपये जा चुके हैं। शीघ्र ही 12 हवीं किस्त भी रिलीज होगी। सरकार की योजना हर पात्र किसान को इस योजना से लाभान्वित कराने की है। यही वजह है कि जो पात्र नहीं है उनको इस योजना से छांटने और जो पात्रता के बावजूद छूट गये हैं उनको जोड़ने के लिए तीन महीने से कृषि विभाग ई- के वाई सी का अभियान भी चला रहा है।
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उल्लेखनीय है कि किसानों के हित के लिहाज से इस बेहद महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 फरवरी 2019 को गोरखपुर से ही की थी।