पोषक तत्व से भरपूर पिस्ता (Pista) एक मेवा है जिसके बाहरी आवंरण को निकालकर अंदर के छिलके का सेवन किया जाता है पिस्ता मुख्य रूप से पश्चिमी एशिया में पाया जाता है।
पिस्ते (Pista) का सेवन करना वीर्यवर्धक,रक्त को शुद्ध करने वाला, वात, कफ, पितनाशक और मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करने में सहायक होता है।
इससे निकलने वाला तेल हड्डियों में केल्शियम की कमी को पूरा करता है और उन्हें मजबूती प्रदान करता है। पिस्ता कैलोरी-मुक्त होता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी सहायक होता हैं।
इस सूखे मेवे के ऐसे और भी फायदे है तो आइये जानते है इसके बारे में………
# पिस्ता खराब कोलेस्ट्रोल एलडीएल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रोल एचडीएल को बढ़ाने में सहायक है। इस प्रकार यह हृदय से संबंधित बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। यह मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाकर हृदय को मज़बूत बनाता है।
# पिस्ता में विटामिन ए, विटामिन ई और जलन रोधी गुण होते हैं जो शरीर में किसी भी समस्या से होने वाली जलन को कम करने में सहायक हैं।
# एक कप पिस्ता हमारे शरीर के लिए प्रतिदिन आवश्यक फॉस्फोरस की 60 प्रतिशत आवश्यकता को पूरा करता है जो दोनों प्रकार के डाइबिटीज़ यानि की ब्लड सुगर और सामान्य सुगर दोनों से हमारी रक्षा करता है। पिस्ते में उपस्थित फॉस्फोरस प्रोटीन्स को एमिनो एसिड्स में तोड़ता है जिससे शरीर में ग्लूकोज़ की सहिष्णुता बढ़ जाती है।
# विटामिन बी 6 एक प्रोटीन होता है जो रक्त में ऑक्सीजन ले जाता है। पिस्ता में उच्च मात्रा में बी 6 होता है। यदि प्रतिदिन इसे खाया जाए तो रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है और हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है।
# स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए विटामिन बी 6 बहुत महत्वपूर्ण है। यह रक्त के निर्माण और संपूर्ण शरीर में रक्त के संचरण में सहायक होता है।
# मस्कुलर विकृति वृद्धावस्था में होने वाली आँखों से संबंधित एक बीमारी होती है जिसमें देखने की क्षमता धीरे धीरे कम होती जाती है और जिस वजह से वह ठीक से देख नहीं पाते है।यही वजह रहती है की वह लोगो को अच्छे से पहचान भी नहीं पाते है। पिस्ते में ल्यूटिन और ज़ाक्सान्थिन नामक दो एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो इन मुक्त कणों पर हमला करके उन्हें नष्ट करते हैं और कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं तथा इस प्रकार मैक्युलर विकृति से हमारी रक्षा करते हैं।
# पिस्ते में उच्च मात्रा में विटामिन बी 6 होता है जो रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाता है। ऑक्सीजन से समृद्ध यह रक्त मस्तिष्क को पहुँचाया जाता है जो इसे अधिक सक्रिय बनाता है।