वर्ष 2013 में कोलफील्ड आवंटन मामलों की सुनवाई के दौरान मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि ‘पिंजरे’ में बंद सीबीआई को और स्वायत्ता देने की जरूरत है।हाईकोर्ट ने कहा- विपक्ष के अनुसार सीबीआई भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के हाथों में एक राजनीतिक उपकरण बन गई है। अदालत ने कहा- सीबीआई को नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की तरह स्वायत्तता होनी चाहिए, जो कि केवल संसद के प्रति जवाबदेह है।
The Madurai Bench of the Madras High Court observed that the Central Bureau of Investigation (CBI) should be made more independent like the Election Commission of India.
Court was hearing a plea seeking a CBI probe into an alleged financial fraud of Rs 300 crore.
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— ANI (@ANI) August 18, 2021
अदालत ने कहा कि एजेंसी की स्वायत्तता तभी सुनिश्चित होगी जब उसे वैधानिक दर्जा दिया जाएगा।हाईकोर्ट ने कहा कि विपक्ष के अनुसार सीबीआई भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के हाथों में एक राजनीतिक उपकरण बन गई है जिसे अब आजाद करने की जरूरत है। अदालत ने ये भी कहा कि सीबीआई को नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की तरह स्वायत्तता होनी चाहिए, जो कि केवल संसद के प्रति जवाबदेह है। हाईकोर्ट ने मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करते हुए अपने 12 सूत्री निर्देशों में कहा कि यह आदेश ‘पिंजरे’ में बंद तोते सीबीआई को रिहा करने का प्रयास है।
बता दें कि वर्ष 2013 में कोलफील्ड आवंटन मामलों की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी का वर्णन पिंजरे के तोते के रूप में किया था और उस समय, विपक्ष में रहने वाली भाजपा ने एजेंसी पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा नियंत्रित होने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भी सीबीआई पर निशाना साधा था। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री द्वारा नियंत्रित ‘साजिश ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ कह डाला था।
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अदालत ने कहा कि एजेंसी की स्वायत्तता तभी सुनिश्चित होगी जब उसे वैधानिक दर्जा दिया जाएगा। अदालत ने आगे कहा कि भारत सरकार को अधिक शक्तियों एवं अधिकार क्षेत्र के साथ वैधानिक दर्जा देने वाले एक अलग अधिनियम के अधिनियमन पर विचार करने और निर्णय लेने का निर्देश दिया जाता है। केंद्र सरकार प्रशासनिक नियंत्रण के बिना कार्यात्मक स्वायत्तता के साथ सीबीआई को स्वतंत्र करे।