जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajan Lal) ने कहा कि हमारे जीवन में तीर्थ यात्रा का बहुत महत्व है। हमारे तीर्थ स्थल सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है तथा हमारी संस्कृति में भी इनकी असाधारण महिमा बताई गई है। उन्होंने कहा कि तीर्थ स्थलों पर जाने से मन को शांति मिलती है तथा नई ऊर्जा एवं सकारात्मकता का संचार होता है।
शर्मा (CM Bhajan Lal) ने सोमवार को दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत जयपुर से मदुरई व रामेश्वरम् के लिए इस वित्तीय वर्ष की प्रथम तीर्थ यात्रा स्पेशल ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के मन में यह उत्कंठा एवं हार्दिक इच्छा रहती है कि वह अपने जीवन काल में महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों की यात्रा कर आत्मिक सुख प्राप्त करे। मगर कुछ लोग आर्थिक अभाव और अन्य कारणों से तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाते। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह खुशी की बात है कि राज्य सरकार की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का सर्वाधिक लाभ समाज के ऐसे तबके को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री (CM Bhajan Lal) ने कहा कि हमारे देश पर आततायियों का कई बार आक्रमण हुआ, जिन्होंने हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को नष्ट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे सांस्कृतिक केन्द्रों को संरक्षित और विकसित किया है। वे हमारी संस्कृति के संरक्षक हैं। उनके कर कमलों से अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का सदियों पुराना भारत का सपना पूरा हुआ है। साथ ही वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और उज्जैन में महाकाल लोक का निर्माण जैसे अभूतपूर्व कार्यों से हमारी सांस्कृतिक विरासत मजबूत हुई है। शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार आस्था धामों के विकास और वरिष्ठ जनों को तीर्थ यात्रा करवाने जैसे कार्य कर रही है। इस वर्ष के प्रारंभ में लगभग तीन हजार तीर्थ यात्रियों को श्री राम लला के दर्शन हेतु अयोध्या की यात्रा करवाई जा चुकी है।
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत इस साल 36 हजार तीर्थ यात्रियों में से 15 हजार तीर्थ यात्रियों को अयोध्या, 15 हजार तीर्थ यात्रियों को अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी, जिनमें रेल द्वारा रामेश्वरम्-मदुरई, जगन्नाथपुरी, तिरूपति, द्वारकापुरी-सोमनाथ, वैष्णो देवी-अमृतसर, प्रयागराज-वाराणसी, मथुरा-वृंदावन -बरसाना, सम्मेद शिखर-पावापुरी-बैद्यनाथ, उज्जैन-ओंकारेश्वर-त्रयम्बकेश्वर (नासिक), गंगासागर (कोलकाता), कामाख्या (गुवाहटी), हरिद्वार-ऋषिकेश-अयोध्या, मथुरा-अयोध्या, बिहार शरीफ, वेलकानी चर्च (तमिलनाडु) की यात्रा शामिल है। साथ ही, 6 हजार तीर्थ यात्रियों को काठमांडू (नेपाल) स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की हवाईजहाज से तीर्थ यात्रा भी करवायी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन तीर्थ यात्रियों के आवागमन, परिवहन, भोजन, आवास व्यवस्था इत्यादि समस्त व्यवस्थाएं राज्य सरकार द्वारा की जाएगी, जिस पर लगभग 80 करोड़ रुपये का व्यय होने का अनुमान है।
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य बजट में प्रमुख धार्मिक एवं तीर्थ स्थलों का विकास कराने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही प्रदेश के 600 मन्दिरों में त्यौहारों पर सजावट के लिए 13 करोड़ रुपये की राशि भी मंजूर की गई है।
जयपुर से मदुरई एवं रामेश्वरम् के लिए सात दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हुई विशेष ट्रेन में जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर एवं कोटा जिले के लगभग 780 वरिष्ठजन यात्रा कर रहे हैं। इस तीर्थ यात्रा में यात्रियों की देखरेख के लिए हर कोच में दाे सरकारी कर्मचारियों की अनुदेशक के रूप में ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही यात्रियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए ट्रेन में एक डॉक्टर, दाे नर्सिंग अधिकारी तथा सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं।
इस अवसर पर सांसद मंजू शर्मा, विधायक कालीचरण सराफ, बालमुकुंदाचार्य, गोपाल शर्मा, जयपुर ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर, देवस्थान विभाग की शासन सचिव शैली किशनानी, उत्तर पश्चिम रेलवे के डीआरएम विकास पुरवार सहित वरिष्ठ तीर्थयात्रीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।