नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की खोज में जुटी फार्मा कंपनी फाइजर इंक ने इसी बीच बड़ा दावा किया है। ट्रायल नतीजों से उत्साहित फाइजर इंक कंपनी ने कहा कि उसकी कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) 95 फीसद तक असरदार है। फाइजर और जर्मन साझेदार कंपनी बायोएनटेक ने अंतरिम आंकड़े जारी करते हुए दावा किया था कि उनकी वैक्सीन काफी कारगर है। इसके साथ ही फाइजर कंपनी अमेरिका में सबसे पहले एफडीए की इजाजत के लिए आवेदन देने के लिए कुछ दिन में तैयार हो जाएगी।
10 करोड़ खुराक का ऑर्डर
अगर विस्तृत अध्ययन में परिणाम 90 फीसदी से ज्यादा रहता है तो ये वैक्सीन उतनी ही प्रभावी मानी जाएंगी, जितनी खसरा वैक्सीन। इस प्रकार ये वैक्सीन यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के 50 प्रतिशत प्रभाव वाले मानक को पार कर जाएंगी। चूंकि अब तक के परीक्षण में इन वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखे गए हैं, इसलिए मॉडर्ना और फाइजर कंपनियां आगामी सप्ताह में आपातकालीन प्रयोग के लिए आवेदन कर सकती हैं। अमेरिका ने दोनों वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक का ऑर्डर दे दिया है। फाइजर तो कनाडा, ब्रिटेन व जापान से इतर यूरोपीय यूनियन को भी 30 करोड़ खुराक उपलब्ध कराने पर सहमत है।
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सभी उम्र के लोगों पर दिखा वैक्सीन का असर
फाइजर की वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के अंतिम विश्लेषण के डॉटा में यह सफलता मिली है। अमेरिकी कंपनी और सहयोगी बायोएनटेक ने कहा कि उनकी वैक्सीन से सभी उम्र और समुदाय के लोगों को सुरक्षा मिली है। इसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर समस्या सामने नहीं आई है। साथ ही, अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से आपातकाल में इस्तेमाल की इजाजत हासिल करने के लिए मानक को पार कर लिया है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फाइजर की वैक्सीन में अंतर
लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और आस्ट्रेजेना के वैक्सीन ट्रायल के लीडर प्रो. ऐंड्रू पोलार्ड ने कहा कि कि हमारी टीम को उम्मीद है कि इस साल क्रिसमस तक कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी। ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन फाइजर से 10 गुना सस्ती होगी। बता दें कि फाइजर की वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखना होगा और कुछ हफ्ते में दो वैक्सीन के इंजेक्शन लगाने होंगे। वहीं दूसरी ओर ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को फ्रिज के तापमान पर रखना होगा।