नई दिल्ली। बीते कई दिनों से पूरे देश में सीएए और एनआरसी का जमकर विरोध हो रहा हैं। जिसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) पर गंभीर आरोप लगाया हैं। ईडी का कहना हैं कि नागरिकता कानून के विरोध में यूपी में हुए हिंसक प्रदर्शनों के पीछे पीएफआई का हाथ है।
ईडी ने पीएफआई पर आरोप लगाया हैं कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसा फैलाने के लिए 120 करोड़ रुपये दिये हैं। जिसको पीएफआई ने इनकार कर दिया है।
ऐसी जानकारी गृह मंत्रालय को मिली है। पीएफआई ने 73 बैंक खातों में करीब 120 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए पीएफआई के महासचिव मोहम्मद अली जिन्ना ने सोमवार को कहा कि हम इस तरह की खबरों की कड़ी निंदा करते हैं।
Mohd Ali Jinnah, General Secy, Popular Front of India (PFI): We strongly condemn news reports regarding PFI’s financial link to instigate CAA protest. Reports attribute 73 bank accounts to PFI&states that Rs 120 cr was transferred through these accounts to fund anti-CAA protest.
— ANI (@ANI) January 27, 2020
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एजेंसियां अपना काम कर रहीं- रविशंकर प्रसाद
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर किसी खास दिन कोई संदिग्ध लेनदेन हुआ है तो यह संदेह पैदा होता है कि वो विरोध अपने आप नहीं हुआ था।’
Union Minister Ravi Shankar Prasad: Law enforcement agencies are doing their job, I need not make any comment. But if there is suspicious nature of transaction on a particular day then obviously it raises serious apprehension& protests that are organised don’t look voluntary. https://t.co/Q9PEh10IGq pic.twitter.com/OUVIsWRnAr
— ANI (@ANI) January 27, 2020