नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा टीम ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोप में पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के अध्यक्ष परवेज और सचिव इलियास को गिरफ्तार किया है। इलियास दिल्ली के शिव विहार इलाके का रहने वाला है। उसके उपर प्रदर्शनों के दौरान लोगों को फंड मुहैया कराने का आरोप है। इसके बाद दोनों को अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें सात दिन की रिमांड पर भेज दिया है।
A Delhi Court sends Popular Front of India (PFI) Delhi President Parvez and Secretary Illiyas to 7 days remand in connection with the alleged PFI-Shaheen Bagh link.
— ANI (@ANI) March 12, 2020
दिल्ली पुलिस ने बताया कि PFI के एक सदस्य को पूर्वी दिल्ली के त्रिलोक पुरी से गिरफ्तार किया था जिसकी पहचान मोहम्मद दानिश के रूप में हुई थी। इसके अलावा स्पेशल सेल की टीम ने रविवार को जामिया नगर इलाके के ओखला विहार से एक दंपत्ति को गिरफ्तार किया था, जिस पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) खुरासान मॉडल के जुड़े होने के आरोप है।
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गोकलपुरी निवासी मोहम्मद दानिश को दिल्ली दंगे की एफआईआर नंबर 59 में गिरफ्तार किया
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाह ने बताया कि गोकलपुरी निवासी मोहम्मद दानिश को दिल्ली दंगे की एफआईआर नंबर 59 में गिरफ्तार किया गया है। वह पीएफआई की काउंटर इंटेलीजेंस टीम में है। वह दिल्ली में होने वाले कार्यक्रमों में नजर रखता था कि कहां कौन से पुलिसकर्मी और आईबी के लोग जा रहे हैं।
दानिश ने दिल्ली में बाहर से लोगों को बुलाया और उपद्रव कराए
कोई पुलिसकर्मी यदि लगातार सभी कार्यक्रमों में जाता था तो यह उसे टारगेट कर लेता था। यह उस पुलिसकर्मी की पिटाई कराता या फिर उस पर लगातार नजर रखता था। जांच में यह भी पता चला है कि दानिश ने दिल्ली में बाहर से लोगों को बुलाया और उपद्रव कराए। सीएए के खिलाफ लोगों को भड़काने के लिए वह भड़काऊ साहित्य भी बांटता था।
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दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के शामली जिले में भी पीएफआई के सक्रिय होने की बात सामने आई
दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के शामली जिले में भी पीएफआई के सक्रिय होने की बात सामने आई है। पुलिस जांच में पता चला कि सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में माहौल गर्माने की कोशिश की गई थी। तब से जिले में पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े 23 लोग पकड़े जा चुके हैं। एसपी के अनुसार गिरफ्तारी के वक्त ये नहीं पता था कि ये लोग संस्था या संगठन से जुड़े हैं, लेकिन इनके पास से मिले भड़काऊ पोस्टर और आपत्तिजनक सामग्री के बाद इनके पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़ा माना जा रहा है।