देश के कई राज्यों में पेट्रोल 100 रु प्रति लीटर के पार है, काफी वक्त से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग की जा रही है। बहस इसलिए भी ज्यादा तेज है क्योंकि जब जीएसटी लागू किया गया था, तो तेल और गैस को भी इसके दायरे में लाए जाने की बात की गई थी। पेट्रोलियम उत्पादों के दामों पर काबू पाने के लिए विश्लेषकों ने भी यह रास्ता अपनाने का सुझाव दिया है, लेकिन सरकार अभी न कह रही है।
सरकार ने सोमवार को फिर से कहा कि उसकी वर्तमान में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की कोई योजना नहीं है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि अभी तक जीएसटी परिषद ने ईंधन को जीएसटी के दायरे में शामिल करने की सिफारिश नहीं की है।
देश के 17 राज्यों में पेट्रोल का रेट 100 रुपए के पार पहुंच चुका है। कीमत में तेजी का सबसे बड़ा कारण है कि इस पर वसूले जाना वाला टैक्स बहुत ज्यादा है। लोकसभा में आज जानकारी दी गई कि वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार की तरफ से वसूले जाने वाले टैक्स में 88 फीसदी का उछाल आया है और यह राशि 3.35 लाख करोड़ रही।
पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क 19.98 रुपए से बढ़कर 32.90 रुपए पर पहुंच गया। वहीं डीजल पर उत्पाद शुल्क 15.83 से बढ़कर 31.80 रुपए पर पहुंच गया। यह जानकारी पेट्रोलियम स्टेट मिनिस्टर रामेश्वर तेली ने लिखित में लोकसभा में दी है। दरअसल 2020 में कोरोना के आने के बाद ग्लोबल लॉकडाउन लग गया था जिसके कारण मांग में भारी गिरावट आई और कच्चे तेल का भाव कई सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। ऐसे में सरकार ने टैक्स बढ़ाकर पेट्रोल-डीजल के भाव के स्तर को बनाए रखा।
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देश के 17 राज्यों में पेट्रोल का भाव 100 रुपए प्रति लीटर के पार जा चुका है। ये राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर, ओड़िशा, तमिलनाडु, बिहार, केरल, पंजाब, सिक्किम, पुड्डुचेरी , दिल्ली और पश्चिम बंगाल है. भोपाल किसी भी राज्य की पहली राजधानी थी, जहां पेट्रोल का भाव 100 रुपए के पार पहुंचा था।