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पेट्रोल-डीजल में आई भारी उछाल, जानें सभी राज्यों के दाम, MP में सबसे महंगा

petrol and diesel

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बिजनेस डेस्क। आज सोमवार सप्ताह के पहले दिन से ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बारी उछाल देखने को मिली। ये उछाल ऐसी हैं जो अब तक सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया। बता दें कि आज सोमवार को दिल्ली में एक साल में पहली बार पेट्रोल की 75 रुपये हो गई। जबकि डीजल 66.04 रुपये प्रति लीटर है।

वहीं बता दें कि पूरे देश में इस समय सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल-डीजल मध्य प्रदेश में मिल रहा है। देश के चार बड़े महानगरों की बात करें तो फिर मुंबई में पेट्रोल की कीमत 80 रुपये के पार चली गई है। यह चार महानगरों में सबसे महंगी कीमत है।

मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के कीमत

राज्य के दो बड़े शहरों–भोपाल और इंदौर में पेट्रोल की कीमत 85 रुपये के करीब पहुंच गई है। इंदौर में डीजल 72.44 रुपये प्रति लीटर है, वहीं पेट्रोल की कीमत 83.41 रुपये प्रति लीटर है। भोपाल में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 83.29 रुपये और डीजल 72.3 रुपये में मिल रहा है।

एनसीआर का हाल

अगर दिल्ली से सटे एनसीआर की बात करें तो फिर गाजियाबाद में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 76.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल 66.21 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा था। फरीदाबाद में पेट्रोल 74.68 रुपये प्रति लीटर और डीजल 65.54 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा है।

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गुरुग्राम में पेट्रोल 74.49 रुपये प्रति लीटर और डीजल 65.35 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा है। नोएडा में पेट्रोल 76.29 और 66.35 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा है। इस हिसाब से पूरे एनसीआर में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल गुरुग्राम में मिल रहा है।

कोलकाता और चेन्नई में यह हैं कीमत

कोलकाता में पेट्रोल 77.67 रुपये और डीजल 68.45 रुपये प्रति लीटर है। वहीं चेन्नई में पेट्रोल 77.97 रुपये प्रति लीटर और डीजल 69.81 रुपये प्रति लीटर है। चार महानगरों की बात करें तो सबसे सस्ता पेट्रोल और डीजल दिल्ली में और सबसे महंगा मुंबई में मिल रहा है।

इस कारण और भी बढ़ सकती हैं कीमत

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति घटने से अगले साल पेट्रोल-डीजल भी महंगा हो सकता है। रूस की अगुवाई में तेल उत्पादकों देशों के संगठन (ओपेक) ने अगले साल से क्रूड आपूर्ति में चार लाख बैरल प्रतिदिन कटौती का फैसला किया है। संगठन की बैठक में अधिकतर देशों ने कटौती पर सहमति जताई है। इस हिसाब से भारत में पेट्रोल की कीमतें एक बार फिर से 80 रुपये के पार जा सकती हैं।

ओपेक ने शुक्रवार को रूस के साथ बैठक से पहले विएना में हुई चर्चा के दौरान क्रूड की गिरती कीमतों का मुद्दा उठाया। इस पर सभी ओपेक देशों ने कीमतों को सहारा देने के लिए अगले साल से 4 लाख बैरल प्रतिदिन कटौती पर सहमति जताई।

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ओपेक और सहयोगी देश 2017 के बाद से लगातार आपूर्ति में कटौती कर रहे हैं, क्योंकि अमेरिका ने अपनी आपूर्ति में काफी इजाफा कर दिया है, जिससे तेल कीमतें नीचे आ गई हैं। ओपेक से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चर्चा में मौजूदा 12 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती के अतिरिक्त 4 लाख बैरल और कटौती पर सहमति बनी है। इस दौरान सऊदी अरब से 16 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने को कहा गया है।

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