राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

लोगों से ही बनता है राष्ट्र,भारत के लोग चलाते हैं गणतंत्र : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि विधानमंडल, कार्यकारी और न्यायपालिका, एक राज्य के तीन अंग हैं। कोविंद ने कहा कि देश को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की उपलब्धियों पर गर्व है। इसरो मिशन गगनयान में प्रगति कर रहा है, और भारत उत्साह के साथ इसके लिए तत्पर है।

उन्होंने इस संबोधन में उज्ज्वला से लेकर सौभाग्य और आयुष्मान योजना का जिक्र किया। रामनाथ कोविंद ने कहा कि 6 दशक पहले हमारा संविधान लागू हुआ। नागरिकों ने सरकार के अभियानों को जन अभियान का रूप दिया है। भागीदारी की यही भावना दूसरे क्षेत्रों में दिखाई देती है। उज्जवला योजना में 8 करोड़ लोग शामिल हो चुके हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि उज्ज्वला की उपलब्धियां गर्व करने लायक हैं। सौभाग्य योजना से लोगों के जीवन में रोशनी आई है। बढ़ते जल संकट से निपटने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया है।

सरकार की प्रत्येक नीति के पीछे बड़ी भावना है सबसे पहले राष्ट्र हमारा। हम देश के संपूर्ण हिस्से का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। देश के लिए सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था का होना जरूरी है। पिछले 7 दशकों में हमने कई आयामों को छुआ है। आयुष्मान योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना बन गई है। जैनरिक दवाओं के उपयोग से दवाईयों पर होने वाले खर्च पर कमी आई है।

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राष्ट्रपति ने गगनयान की सफलता की उम्मीद जताई। ओलिंपिक खेलों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, इस बार हमारे खिलाड़ी इसमें नया अध्याय लिखेंगे। प्रवासी भारतीयों ने देश की तरक्की में योगदान दिया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हमें महात्मा गांधी के जीवन से रोजाना सीखना चाहिए। बाबा साहब ने कहा था कि हम लोकतंत्र को बनाए रखना चाहते हैं तो हमें सामाजिक आर्थिक उपायों के लिए संवैधानिक तरीके का ही इस्तेमाल किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि विकास पथ पर हम सब विश्व समुदाय के साथ सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं आप सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देता हूं।

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