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नए वोटरों को लेकर ऐसा क्या आदेश आया कि जम्मू की सियासत में आ गया भूचाल

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श्रीनगर। जम्मू की उपायुक्त अवनी लवासा के एक फैसले ने जम्मू-कश्मीर की सियासत में भूचाल ला दिया है। मंगलवार को बड़ा ऐलान करते हुए उन्होंने आदेश दिया कि जम्मू में जो भी शख्स एक साल से अधिक समय से रह रहा है, उसे नए वोटर (Voters) के रूप में रजिस्टर किया जाए। उनके इस फैसले के बाद अगर कोई बाहरी व्यक्ति भी एक साल से अधिक समय तक जम्मू में रहता है तो उसे वोटिंग (Voting) का अधिकार मिल जाएगा।

अब नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस फैसले का विरोध किया है। जोर देकर कहा गया है कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर की वोटर लिस्ट में 25 लाख नए वोटरों (Voters) को जोड़ने की कवायद कर रही है।

जारी बयान में एनसी ने कहा है कि सरकार 25 लाख गैर स्थानीय लोगों को वोटर लिस्ट का हिस्सा बनाने वाली है। हम इस फैसले का विरोध करते हैं। बीजेपी चुनावों से डर रही है, उसे पता है कि वो बुरी तरह हारने वाली है। जनता को बीजेपी की इस साजिश को बैलेट बॉक्स के जरिए हरा देना चाहिए।

उपायुक्त के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने लिखा कि पार्टी सरकार के इस कदम का विरोध करती है। ट्वीट में आगे कहा गया है कि बीजेपी चुनावों से डरती है और जानती है कि वह बुरी तरह हार जाएगी।

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बता दें कि यह मुद्दा पहली बार अगस्त में सामने आया जब तत्कालीन मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूची के विशेष संशोधन के बाद जम्मू-कश्मीर को बाहरी लोगों सहित लगभग 25 लाख अतिरिक्त मतदाता मिलने की संभावना है। बीजेपी को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दलों ने इसका कड़ा विरोध किया। गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता के रूप में शामिल करने और विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे।

जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह भी जम्मू दौरे पर आए थे, उन्होंने भी संकेत दिए थे कि घाटी में अब जल्द ही चुनाव करवाए जाएंगे।

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