पेगासस स्पाइवेयर के जरिए कथित जासूसी के मामले में खुलासा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के मोबाइल की भी जासूसी की गई थी। यह बंगाल चुनाव के दौरान हुआ था। साथ ही पेगासस स्पाइवेयर के जरिए जासूसी का खुलासा करने वाली रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2018 में भी प्रशांत किशोर के मोबाइल की जासूसी की कोशिश की गई थी।
द वायर के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के फोन की फोरेंसिक जांच में पता चला है कि 2019 में हुए लोकसभा चुनावों से चंद महीने पहले साल 2018 में भी उनके मोबाइल की जासूसी करने की कोशिश की गई थी लेकिन वह प्रयास असफल हो गया था। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बीते पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले 28 अप्रैल को किशोर के फोन की जासूसी की गई थी।
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रिपोर्ट के अनुसार इस साल की शुरुआत में बंगाल चुनाव के दौरान किशोर के फोन में सेंध लगाई गई थी। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के मोबाइल की जासूसी करने का भी प्रयास किया जा रहा था। हालांकि उनके फोन की फोरेंसिक जांच नहीं हो पाई जिसकी वजह से यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उनके फोन में सेंध लगाई गई या नहीं। प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के मुख्य चुनावी रणनीतिकार थे।