विपक्ष की आलोचना पर उतरे संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र के पहले दिन बृहस्पतिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।  वहीं, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की नीतियों का पन्ना होता है, लेकिन आज जिस प्रकार से विपक्ष ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है, वह निंदनीय है।
नेता विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के रामगोविंद चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि  राज्यपाल अपना भाषण नहीं पढ़ना चाहती थीं, लेकिन मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने बहुत मनाया तब जाकर वह अपना अभिभाषण पढ़ने को तैयार हुई।

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गौरतलब है कि राज्यपाल सदन में करीब छह से सात मिनट की देरी से आई थीं। चौधरी ने कहा कि  प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है, मंहगाई चरम पर है, महिलाओं पर अत्याचार बेलगाम हो गए हैं, सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है, प्रदेश में जंगलराज है, उच्च न्यायालय और सर्वाेच्च न्यायालय भी कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून नाम की चीज नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार में नैतिकता हो तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा,   हमने सदन में किसान आंदोलन में शहीद हुए 200 किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए प्रस्ताव रखा, लेकिन सरकार नहीं मानी। सरकार किसान विरोधी है, हम लोगों ने राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए। हमने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया।
कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा और विधान परिषद में नेता कांग्रेस के दीपक सिंह ने कहा कि किसान विरोधी कानूनों को सरकार वापस ले। आराधना मिश्रा ने सरकार पर हमला बोलते हुये राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया और सदन से वॉकआउट किया।

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आराधना ने कहा कि उन्नाव की घटना पर सरकार मौन है और मामले की लीपापोती में जुट गई है।  बहुजन समाज पार्टी के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा,   राज्यपाल का अभिभाषण सरकार के वक्तव्यों का पुलिंदा होता है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब राज्यपाल सरकार से असहमत थीं इसलिए देर से आई। सरकार किसानों को बिचौलियों के हाथ में बांधने के काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिला, जब से भाजपा की सरकार बनी है पूरे प्रदेश में महिलाओं से बलात्कार और हत्या की घटनाएं हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि आज से विधानमंडल का बजट सत्र शुरू हुआ है, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह वर्तमान सरकार का अहम बजट सत्र है। राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की नीतियों का पन्ना होता है, लेकिन आज जिस प्रकार से विपक्ष ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है, वह निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को विकास या सुशासन में रुचि नहीं है और उन्होंने सदन का बहिष्कार किया है। खन्ना ने कहा कि विपक्षी दलों के आचरण को उचित नहीं कहा जा सकता है। जो विपक्ष सरकार और राज्यपाल के अभिभाषण को नहीं सुन सकता है, उससे क्या उम्मीद की जा सकती है।

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