नई दिल्ली। दक्षिण कोरियाई फिल्म पैरासाइट ने ऑस्कर 2020 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता है। इसके बाद से ही हर तरफ इस फिल्म की चर्चा हो रही है। इस फिल्म की खासियत ये रही कि इसमें साउथ कोरिया के उन लोगों की जिंदगी को उठाया गया जो छोटे से सेमी-बेसमेंट अपार्टमेंट में रहने को मजबूर हैं।
फिल्म निर्देशक बॉन्ग जून हो की फिल्म ने दुनियाभर का ध्यान ऐसे लोगों की जिंदगी पर देने की कोशिश
फिल्म निर्देशक बॉन्ग जून हो की फिल्म ने दुनियाभर का ध्यान ऐसे लोगों की जिंदगी पर देने की कोशिश की है। फिल्म में जिस प्रकार समाज व्यवस्था पर तंज कसा गया है वह काबिले तारीफ है। फिल्म में जिस तरह दिखाया गया है कि एक तरफ साउथ कोरिया के लोग सेमी-बेसमेंट अपार्टमेंट में जहां ठीक से हवा तक नहीं आती है। वहां लोग रहने को मजबूर हैं तो वहीं दूसरी तरफ एक वर्ग ऐसा है जिसके पास शानदान मेंशन है।
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दक्षिण कोरिया के 1.9 फीसदी लोग सेमी-बेसमेंट अपार्टमेंट में रहते हैं
2015 के आंकड़ों का मानें तो दक्षिण कोरिया के 1.9 फीसदी लोग सेमी-बेसमेंट अपार्टमेंट में रहते हैं। यह सियोल में रहने वाले शहरी निवासियों के लिए एक सस्ती पसंद में से एक है। बता दें सियोल एशिया के सबसे महंगे शहरों में से एक है। इनकी प्रतिमाह की किस्त भी $210 से $500 के बीच होती है। यहां बारिश के दिनों में पानी भर जाता है तो गर्मियों में यहां रहना मुश्किल हो जाता है। यहां तक सूरज की रोशनी भी बमुश्किल है पहुंच पाती है।
‘पैरासाइट’ की कहानी कोरिया में रहने वाले एक गरीब और एक उच्च वर्गीय परिवार की
बात करें फिल्म की तो ‘पैरासाइट’ की कहानी कोरिया में रहने वाले एक गरीब और एक उच्च वर्गीय परिवार की है। पैरासाइट एक ब्लैक कॉमेडी है, जिसमें सोशल स्टेट्स के साथ ही अधिक की चाहत और विलासपूर्ण जीवन के बीच के अंतर को खूबसूरत ढंग से दिखाया गया है। फिल्म में दिखाया गया है कि आर्थिक रूप से मजबूत और कमजोर होने पर समाज का नजरिया आपके लिए कैसा हो जाता है। फिल्म का एक एक सीन झकझोर देने वाला है। आप यूट्यूब पर इसका ट्रेलर देख सकते हैं।
पैरासाइट को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के साथ-साथ, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म और ओरिजिनल स्क्रीनप्ले का ऑस्कर भी मिला है। इस फिल्म का प्रीमियर 2019 के कान फिल्म फेस्टिवल में भी हुआ था। ओरिजिनल स्क्रीनप्ले के लिए ये फिल्म बाफ्टा में भी पुरस्कार जीत चुकी है।