मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ तत्काल व निष्पक्ष जांच की मांग की। परमबीर ने दावा किया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था।
आईपीएस अधिकारी ने इसी हफ्ते पूर्व में उच्चतम न्यायालय का रुख किया था जिसने बुधवार को मामले को गंभीर करार दिया था। न्यायालय में अधिकारी ने देशमुख के खिलाफ दी याचिका दी थी, हालांकि अदालत ने उनसे बंबई उच्च न्यायालय में जाने को कहा था। सिंह ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में कहा कि इस साल फरवरी में देशमुख ने अपने आवास पर वाजे समेत मुंबई पुलिस के कई अधिकारियों के साथ मुलाकात की। याचिका के मुताबिक, इन बैठकों में देशमुख ने अधिकारियों को विभिन्न प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया।
मूल्यांकन प्रक्रिया निर्धारित होने पर भेदभाव का न्यायालय ने लगा आरोप
याचिका में कहा गया है कि देशमुख नियमित रूप से पुलिस के कामकाज में दखल देते थे और अपने पद का दुरुपयोग करते थे। याचिका के मुताबिक देशमुख के आचरण को देखते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराए जाने की जरूरत है। सिंह ने अदालत से अनुरोध किया कि वह सीबीआई को निर्देश दे कि वह मंत्री के विभिन्न भ्रष्ट कदाचारों की तत्काल, निष्पक्ष, बिना किसी प्रभाव के भेदभाव मुक्त जांच करे।