राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अन्तर्गत लोक कला संग्रहालय, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा आज दिनांक 17 मार्च, 2021 ऑनलाइन वर्चुअल प्रदर्शनी ‘‘नमामि गंगे‘‘ का आयोजन संग्रहालय के फेसबुक, यूट्यूब, सोशल मीडिया के माध्यम से कराया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन श्रीमती रीना दीवान, निदेशक, कोलकाला सेन्टर फाॅर क्रियेटिविटी एवं प्ब्व्ड, भारत, की अध्यक्षा द्वारा गंगा पर अपने वक्तव्यके साथ किया। श्री नन्दन शास्त्री जो कि यूनिर्वसिटी म्यूजियम, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, गुजरात के क्यूरेटर रह चुके है, एशियन आर्ट म्यूजियम सेन्फ्रान्सिसको के साथ ही कई अन्य संग्रहालयों में भी कार्य चुके है ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में अपना वक्तव्य दिया है।
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प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न स्थानों यथा-भुज, बडोदरा, नई दिल्ली, लखनऊ खेड़ागढ़ हैदराबाद, वाराणासी आदि स्थानों के प्रख्यात आमंत्रित कलाकारों ने अपनी-अपनी कलाकृतियों के माध्यम से गंगा में बढ़ते हुए प्रदूषण, गंगा को देवी के रूप में, जीवन दायिनी एवं मो़क्ष स्वरूपा के रूप में, जीवन का अमृत रूप आदि पक्षों को उजागर करते हुए विभिन्न रूपाकारों में अपनी भावभिव्यक्ति की हैं प्रदर्शनी का उद्देश्य पर महत्व डालते हुए संग्रहालयाध्यक्ष ने अवगत कराया कि कलाकारों की कलाकृतियों के माध्यम से इस प्रदर्शनी द्वारा गंगा मईया के द्वारा जागरूकता अभियान में योगदान देकर एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाने का एक प्रयास किया गया है। प्राचीन काल से ही भारत वर्ष में पवित्र गंगा नदी का विशेष महत्व रहा है। इसी कारण इसे कला में विशेष स्थान प्रदान करते हुए निरूपित किया गया है।
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मंदिरों में प्रवेश करते समय मकर वाहिनी गंगा एवं कुर्म वाहिनी यमुना की मूर्तियाॅ विशेष रूप से दिखलाई पड़ती हैं चि़त्रकला में प्राकृतिक सौदर्य के रूप में गंगा का निरूपण इसकी महत्त का परिचायक है। कला में नदी के अंकन की परम्परा अनवस्त रूप से वर्तमान समय तक कलाकारों द्वारा निभायी जाती रही है। प्रदर्शनी का वर्चुअल रूप से दिखाने का उद्देश्य यह है कि वर्तमान समय में वैश्विक परिदृश्य में अधिक से अधिक लोगों तक पहुॅचाने एवं उनमें जागरूकता फैलाना है।