लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि देश में बनी वस्तुओं, संस्कृति,कला एवं मातृभूमि से अटूट प्रेम ही अमर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आठवें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर उप्र डिजाइन एवं शोध संस्थान (यूपीआईडीआर) में संत कबीर दास की हथकरघा के साथ प्रतिमा का अनावरण करने के मौके पर उन्होने (AK Sharma) कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर देश तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। देशवासियों का विदेशी वस्तुओं के बजाय स्वदेशी वस्तुओं की ओर रुझान बढ़ा है। केंद्र सरकार आजादी की 75 वी वर्षगांठ को और प्रगाढ़ बनाने के लिए ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम का आयोजन कर रही है, जिसमें तिरंगा का सम्मान हर घर तिरंगा लगाकर करना हैं।
एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि सात अगस्त, 1905 को कोलकाता में स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को समर्थ बनाने के लिए विदेशी सामान का बहिष्कार करने का आह्वान किया था। इस तिथि के सम्मान में ही श्री मोदी ने 07 अगस्त, 2015 को चेन्नई में इस दिवस की शुरुआत की थी। राष्ट्रहित में अर्थव्यवस्था की मजबूती व आत्मनिर्भरता के लिए विदेशी सामान को नजरअंदाज करना होगा। हैंडलूम कृषि क्षेत्र के बाद सबसे बड़ा सेक्टर है। उसको मजबूत करने के लिए सभी को आगे आना होगा। प्रधानमंत्री स्वयं इस क्षेत्र की बनी उत्कृष्ट चीजों को विदेशों में जाकर उपहार देते हैं।
उन्होने (AK Sharma) कहा कि राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर यूपीआईडीआर ने महान संत कबीर दास के कार्यों, शिक्षा और सिद्धांतों के प्रति अपनी संवेदना दिखाई है और समाज में व्याप्त अंधविश्वास व बुराइयों से मुक्ति के लिए लोगों को प्रेरित भी किया है, इसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के चेहरे पर मुस्कान आये दीन-हीन, गरीब एवं लाचार के जीवन में बदलाव आए, यही कबीर दास जी का मूल सिद्धांत था।
एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि 07 अगस्त, 1905 को कोलकाता में स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को समर्थ बनाने के लिए विदेशी सामान का बहिष्कार करने का आह्वान किया था। इस तिथि के सम्मान में ही मोदी जी ने 07 अगस्त, 2015 को चेन्नई में इस दिवस की शुरुआत की थी। कहा कि राष्ट्रहित में अर्थव्यवस्था की मजबूती व आत्मनिर्भरता के लिए विदेशी सामान को नजरअंदाज करना होगा। हैंडलूम कृषि क्षेत्र के बाद सबसे बड़ा सेक्टर है। उसको मजबूत करने के लिए सभी को आगे आना होगा। प्रधानमंत्री द्वारा स्वयं इस क्षेत्र की बनी उत्कृष्ट चीजों को विदेशों में जाकर उपहार देते हैं।
कार्यशाला में लगाई गई प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों का मंत्री ने अवलोकन किया तथा बच्चों द्वारा बनाए गए खिलौनों, राखी, तिरंगा झंडे की सराहना की। इस दौरान उन्होंने संगमरमर, हाथीदांत, चांदी, धात, टेरा कोटा व लकड़ी से बनी विलक्षण कलाकृतियों एवं चित्रों को देखा और प्रशंसा की। उन्होंने बच्चों द्वारा हैंडलूम से तिरंगे झंडे को बनाते हुए देखकर, इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की और उन्हें प्रेरित किया। इस अवसर पर संस्थान की अध्यक्षा शिप्रा शुक्ला, निदेशक, यूपीआईडीआर प्रशांत शर्मा, संस्थान के छात्र व पदाधिकारी उपस्थित थे।