मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने शादी के बहाने लड़का और लड़की के बीच दोस्ती में यौन संबंध बनाने की सहमति को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। शादी के बहाने एक महिला को गर्भवती करने के आरोपी व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट (Bombay High Court) ने कहा कि एक लड़की एक लड़के के साथ दोस्ताना है, वह लड़के को उसकी सहमति के रूप में संबंध बनाने की अनुमति नहीं देती है तो उसके साथ जबदरस्ती करना अपराध है। 24 जून को पारित एक आदेश में जस्टिस भारती डांगरे की अध्यक्षता वाली सिंगल बेंच ने यह टिप्पणी की है।
22 वर्षीय शिकायतकर्ता आरोपी को कुछ समय से जानती थी। 2019 में आरोपी ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता के साथ जबरन यौन संपर्क किया, जब वे दूसरे दोस्त के घर पर थी। उसने कहा कि वह उसे पसंद करता है और विरोध करने पर उससे शादी कर लेगा। लड़की ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी ने उसके साथ “जबरदस्ती” की है। हालांकि, गर्भवती होने के बाद, उसने शादी के अपने वादे को निभाने से इनकार कर दिया।
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न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने देखा कि महिला में आरोपी के लिए भावनाएं विकसित हो गई थीं, लेकिन यौन संबंधों का उसका संस्करण यह है कि उसने इसकी अनुमति दी क्योंकि आरोपी ने उससे शादी करने का वादा किया था। हालांकि, जब लड़की गर्भवती हो गई, तो आवेदक ने बेवफाई का आरोप लगाया लेकिन फिर शिकायत में निर्दिष्ट अंतिम तिथि पर उसके साथ जबरन यौन संबंध बनाए।