नई दिल्ली। साल का पहला चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) 16 मई को लगेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण को अशुभ माना जाता है। ग्रहण के दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। ग्रहण काल में मंदिरों के कपाटों को भी बंद कर दिया जाता है। हालांकि भारत में चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) दिखाई न पड़ने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से शुभता की प्राप्ति होती है।
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- इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए और न ही भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और सूतक काल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान काटने, छीलने या सिलने की मनाही होती है।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही सोना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान तेल लगाना, कपड़े धोना और ताला खोलना आदि काम नहीं करने चाहिए।
- ग्रहण के दिन जरूरतमंदों व गरीबों को दान देना चाहिए।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए और शिवमंत्रों का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण का कुप्रभाव नहीं पड़ता है।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर से लेकर अपने पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिएष
- ग्रहण के दिन पितरों के नाम से भी दान करना चाहिए।
चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) का समय
भारतीय समय के अनुसार यह चंद्र ग्रहण 16 मई की सुबह 08 बजकर 59 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट रहेगा।