लखनऊ: प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने ‘सम्भव’ व्यवस्था के तहत आज महीने के प्रथम बुधवार पर नगरीय निकाय क्षेत्रों में होने वाली लोगों की समस्याओं व शिकायतों के समाधान के लिए स्वयं के स्तर पर स्थानीय निकाय निदेशालय में राज्य स्तरीय जन सुनवाई की। इस जनसुनवाई में उन्होंने शिकायतकर्ता से वर्चुअल संवाद कर उनकी परेशानियों की वास्तविकता जानी और ‘सम्भव’ पोर्टल पर आई ऐसी गंभीर 17 शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया।
उन्होंने शिकायतकर्ता की परेशानी का कारण बनी ऐसी गंभीर शिकायतों का संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी शिकायतकर्ता के साथ ऐसी परिस्थिति न पैदा की जाए कि उसे शासन-प्रशासन की व्यवस्था पर भरोसा ही न रहे। उन्होंने नागरिकों की शिकायतों के समाधान पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए और कहा कि अधिकारी पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता के साथ शिकायतों का निस्तारण करें।
ए0के0 शर्मा ने जनसुनवाई के दौरान वाराणसी नगर निगम क्षेत्र से आयी शिकायत, जिसमें ककरमत्ता फ्लाईओवर के उतरते ही सरकारी संपत्ति पर गंदगी डाली जा रही है के रोकथाम के संबंध में शिकायतकर्ता विकास कुमार एवं क्षेत्रवासियों को आश्वस्त किया और संबंधित अधिकारियों को व्यवस्था को शीघ्र ठीक करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार कानपुर नगर से आयी शिकायत, जिसमें पानी की आपूर्ति बाधित होने से 10 हजार परिवारों के प्रभावित होने की शिकायत थी। इसकी सुनवाई में शिकायतकर्ता मदन बाबू को अधिकारियों ने बताया कि इसी माह में पाइप लाइन का कार्य पूर्ण होने पर जलापूर्ति सुचारू रूप से करा दी जायेगी।
नगर विकास मंत्री ने आगरा शहर के शिकायत कर्ता सुभाष चन्द्र की शिकायत की उसके क्षेत्र में 04 माह से स्ट्रीट लाइट खराब है का संज्ञान लिया और मौके पर ही इसको निस्तारित कराया। इसी प्रकार अयोध्या शहर से महेश कुमार शाहू की शिकायत की 08 माह पहले पेयजल संयोजन हेतु आवेदन करने पर भी अभी तक संयोजन नहीं दिया गया का संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों को फटकार लगायी और शीघ्र ही संयोजन देने के निर्देश दिए। इसी प्रकार झांसी शहर के रामदीन कुशवाहा की हैण्डपम्प खराब होने संबंधी शिकायत पर उन्होंने निर्देशित किया कि शहर के सभी हैण्डपम्पों का सर्वे कराकर प्राथमिकता पर खराब हैण्डपम्पों को सही कराया जाए, जिससे कि झांसी जैसे शहर में पानी की समस्या न हो।
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इसी प्रकार उन्होंने भूमि/प्लॉट के स्वामित्व, जलभराव, सीवर लाइन की सफाई, जलापूर्ति, मकानों का आवंटन, आउटसोर्सिंग कर्मियों का ईपीएफ धनराशि का न जमा होना, मकान का मालिकाना हक आदि से संबंधित शिकायतों को सुना गया और मौके पर ही निस्तारित भी किया गया। नगर विकास मंत्री ने कहा कि ‘सम्भव’ की इस व्यवस्था के तहत अभी तक की हुई जनसुनवाई के बेहतर परिणाम आयें हैं और नागरिकों को इस पर विश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र में जनशिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता पर करना आवश्यक है, जिससे कि लोगों का विश्वास शासन-प्रशासन में बना रहे।