तनाव (Stress) का सीधा असर आपने वजन पर होता है। कभी यह वजन घटाता है तो कभी इससे गंभीर रूप से वजन बढ़ भी जाता है। तनावपूर्ण घटना जैसे किसी प्रियजन का खोना, तलाक या वित्तीय संकट वजन में बदलाव का कारण बन सकता है।
क्रॉनिक स्ट्रेस के कारण समय के साथ वजन (Obesity) बदलता है। अत्यधिक तनाव से कार्टिसोल हार्मोन बनता है, जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। तनाव की वजह से कार्टिसोल हार्मोन मेटाबॉलिज्म को सुस्त कर देता है। इसके कारण खाना पूरी तरह नहीं पच पाता है और वजन बढ़ता है।
तनाव के कारण व्यक्ति खाने की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देता है। खाने में अधिक मात्रा में कैलोरी होती है, जिससे मोटापा बढ़ता है। किसी भी तरह का तनाव का असर व्यक्ति की दिनचर्या पर पड़ता है और दिनचर्या बिगड़ने से पाचन क्रिया पर असर होता है जो मोटापा बढ़ने का प्रमुख कारण है।
यदि कोई जीवन में भावनात्मक तनाव महसूस कर रहा है तो यह स्वस्थ होने का संकेत नहीं है। अधिक तनाव मानसिक समस्याओं का मूल कारण हो सकता है।
तनाव किसी भी स्थिति में ठीक नहीं है। इसके बढ़ने से शरीर में कोलेस्ट्राल का लेवल बढ़ता है। इसके बढ़ने से वजन बढ़ता है। यही नहीं तनाव के कारण ब्लड शुगर का स्तर बहुत तेजी के साथ ऊपर-नीचे होता है और बहुत ज्यादा थकान, दिमाग में कमजोरी जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। तनाव का ऐसा असर होता है कि शरीर में वसा (फैट या चर्बी) की मात्रा बढ़ती है और मोटापा बढ़ता है।
तनाव सीधे या अप्रत्याशित रूप से शरीर की गतिविधियों पर असर डालता है। तनाव में इंसान काम ज्यादा करता है और नींद कम आती है। नींद कम आने की वजह से भी वजन बढ़ता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि ऐसे तनाव की स्थिति में व्यक्ति जंक फूड खाता है जो कि वजन बढ़ने का प्रमुख कारण होता है।
वजन बढ़ने से उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दिल की बीमारी, स्ट्रोक, प्रजनन संबंधी समस्याएं, फेफड़ों और सांस संबंधी दिक्कतें व जोड़ों में दर्द बढ़ने लगता है।
तनाव सभी को किसी न किसी मोड़ पर प्रभावित करता है। कुछ लोग इसे दिन में कई बार अनुभव कर सकते हैं, जबकि अन्य केवल इसे नोटिस कर सकते हैं जब यह दैनिक कार्यों में हस्तक्षेप करना शुरू करता है। जब आप तनाव महसूस कर रहे हों, तो कई छोटे कदम हैं, जिन्हें आप खुद को शांत करने के लिए उठा सकते हैं। इनमें शामिल हैं :
- 20 से 30 मिनट तक व्यायाम करें।
- बाहर निकलें और प्रकृति का आनंद लें।
- स्वस्थ भोजन के साथ अपने शरीर को पोषण दें।
- सोशल सपोर्ट लें जैसे दोस्तों से मिलना या किसी दोस्त को फोन करना।
- अपनी काम करने की सूची (टू-डू लिस्ट) से एक आइटम हटा दें।
- 10 मिनट का योग ब्रेक लें।
- मदद के लिए परिवार से बात करें।
- दिमाग को तरोताजा करने वाले ध्यान (मेडिटेशन) का अभ्यास करें
- संगीत सुनें
- किताब पढ़ें
- एक घंटे पहले बिस्तर पर जाएं
- खुद को समय दें
- तनाव को बढ़ाने वाली बात के लिए ‘ना’ कहें
- अपने पालतू पशु के साथ समय बिताएं।
- 10 मिनट गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।
- कैफीन और शराब से दूरी बनाएं।