लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021 मंगलवार को पारित हो गया। यह विधेयक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी ओबीसी सूची बनाने की शक्ति को बहाल करने के लिए है। हाल में ही कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी। राज्यसभा में भी इसके आसानी से पारित हो जाने के आसार हैं, क्योंकि सभी विपक्षी दल इस विधेयक पर एक साथ है।
Lok Sabha passes the Constitution (One Hundred and Twenty Seventh Amendment) Bill 2021 which is for restoring the power of states & UTs to make their own OBC lists pic.twitter.com/7xwblNZB8V
— ANI (@ANI) August 10, 2021
उल्लेखनीय है कि इस विधेयक के माध्यम से महाराष्ट्र में मराठा समुदाय से लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय को ओबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) में शामिल करने और उन्हें आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद केंद्र सरकार पर आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा खत्म करने के लिए दबाव बढ़ेगा।
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में ओबीसी आरक्षण विधेयक का समर्थन किया। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं और हम मांग करते हैं कि 50 फीसदी की सीमा को हटाने पर भी विचार किया जाए। कांग्रेस का कहना है कि यह सीमा हटने के बाद ही मराठा समुदाय और अन्य राज्यों में लोगों को इसका फायदा मिल पाएगा।
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चौधरी ने कहा कि कुछ प्रदेशों में आरक्षण की सीमा इससे ज्यादा है। तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है। बाकी राज्यों को भी ये ताकत दी जाए कि वो आरक्षण को इस सीमा से बढ़ा सकें। उन्होंने कहा, ‘हम एक जिम्मेदार दल हैं। यह संविधान संशोधन विधेयक है और इसमें दो तिहाई बहुमत के समर्थन की जरूरत पड़ती है। इसलिए हम इसमें हिस्सा ले रहे हैं।’