लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) यह सब एक ही है। यह सब हर भारतीय इसके विरूद्ध है। इसके प्रति देश भर में जो आशंकाएं हैं। उससे गहरा असंतोष और आक्रोश पनप रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व सच क्यों नहीं बोलता है?
उन्होंने मंगलवार को आरोप लगाया कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व सच क्यों नहीं बोलता है? बीजेपी सरकार ने जनता की बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं किया है। इसके बाद अब देश को लाइन में लगाने की फिर साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि शीर्ष स्तर पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री परस्पर विरोधी दावे करते हैं। इससे लगता है कि पीछे कुछ साजिशें रची जा रहीं हैं। बीजेपी सच की हत्या कर रही है और जनता- भाजपा से सच जान कर रहेगी।
विरोध भाजपा सरकार के निर्णयों का हुआ तो फिर गोली किसने चलाई?
सपा अध्यक्ष ने कहा कि गत 19 दिसम्बर को जनआक्रोश के प्रदर्शन में अठारह से ज्यादा मौतें हुई है। इनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं दी जा रही है? सरकार भाजपा की है, विरोध भाजपा सरकार के निर्णयों का हुआ तो फिर गोली किसने चलाई? उन्होंने कहा कि इस असंतोष के विस्फोट के बाद पुलिस प्रतिशोधपरक कार्रवाई कर रही है। दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की जा रही है। निर्दोषों को सताया जा रहा है। लोगों का उत्पीड़न हो रहा है। महिलाओं का अपमान किया जा रहा है। रामपुर में उत्पीड़न चरम पर है। निर्दोषों को निशाना बनाया जा रहा है।
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अखिलेश यादव बोले-रंगकर्मियों तक की हो रही है धरपकड़
उन्होंने कहा कि पुलिस 19 दिसम्बर के प्रदर्शन के सिलसिले में रंग कर्मियों, संस्कृति कर्मियों की भी धर पकड़ कर रही है। पत्रकारों के प्रति पुलिस का व्यवहार नितांत अवांछनीय और निंदनीय रहा है। भाजपा सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है।
समाज को बांटने का काम कर रही है बीजेपी सरकार
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। वह समाज को बांटने का काम कर रही है। लेखपाल अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उनकी जाति देखकर सेवाओं से बर्खास्त किया जा रहा है। अब तो अस्पतालों में इलाज भी जाति पूछकर होने लगा है। फर्जी एनकाण्टर और फर्जी मुकदमें भी जाति देखकर होते हैं। लखनऊ में तीन सौ एकड़ में हैदर कैनाल के किनारे पौधरोपण समाजवादी सरकार के समय किया गया था। भाजपा सरकार इन पेड़ों से भी दुश्मनी निभा रही है।