कोरोना वायरस

भारत पहुंचा नोवल कोरोना वायरस, संभल कर जरूर करें ये 10 काम

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नई दिल्ली। नोवल कोरोना वायरस भारत में दस्त​​क दे चुका है। केरल में एक छात्रा के कोरोना वायरस से प्रभावित होने का मामला सामने आया है। ये छात्रा अभी चीन से लौटकर आई है। वैसे चीन में इससे अब तक 170 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 7000 से ऊपर बीमार हैं। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या इस वायरस से बचाव किया जा सकता है?

वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन और डॉक्टर्स ने इससे बचाव के लिए 10 बातों का ध्यान रखने को कहा है। इससे संक्रमण से बचा जा सकता है। हालांकि एक बार संक्रमण होने के बाद इसका इलाज मुश्किल है। डॉक्टरों का कहना है कि अब तक नोवल कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोई दवा नहीं बनी है।

क्या हैं इसके लक्षण?

नोवल कोरोना वायरस-2019 के लक्षण शुरू में बहुत सामान्य होते हैं। बाद में एक झटके में लक्षण जाहिर करता है। शुरुआती संकेत सांस लेने में थोड़ी तकलीफ़, खांसी या फिर बहती हुई नाक है। ये भी ध्यान रखें कि कोरोना वायरस परिवार के ज्यादातर वायरस नुकसानदायक नहीं होते हैं। अगर कोई सामान्य कोरोना वायरस की चपेट में आता है तो तीन दिन से लेकर एक हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन इस परिवार में छह सदस्य ऐसे रहे हैं, जिन्हें जानलेवा कहा जाता है। अब नोवल कोरोना वायरस 2019 इस परिवार का सातवां घातक सदस्य है। इन्हीं घातक वायरस से सार्स (सिवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) जैसी बीमारियां फैली हैं। अब ये नई बीमारी फैल रही है।

कैसे होती है शुरुआत?

कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में शुरुआत बुखार से होती है। फिर सूखी खांसी। सांस में दिक्कत होने लगती है। नोवल कोरोना वायरस फेफड़ों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त करता है। इसके बाद रोगी की हालत बिगड़ जाती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रभावित इलाके लोगों को जो हिदायतें दी हैं, वो इस तरह है

1. दिन में कई बार साबुन से हाथ धोएं।

2. अपने हाथों से आंख, नाक और मुंह को बार-बार नहीं छुएं।

3. अपनी और परिवार की इम्युनिटी को बरकरार रखने वाली चीजों का सेवन करें।

4. खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढंककर रखें।

5. खांसी, बुखार और जुकाम के लक्षण होते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

6. सांस की किसी तकलीफ़ से संक्रमित मरीज़ों के क़रीब जाने से बचें। मास्क लगाएं।

7. किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के फौरन बाद, पालतू या जंगली जानवरों से दूर रहने की सलाह भी दी गई है।

8. कच्चा या अधपका मांस खाने से परहेज करें।

9. नियमित रूप से साफ-सफाई का ध्यान रखें।

10. अगर बुखार और खांसी हो तो यात्रा से परहेज करें।

स्वास्थ्यकर्मी क्या करें?

स्वास्थ्य कर्मी खुद संक्रमण का शिकार न हो, इसके लिए सभी एहतियाती उपाय किए जाएं. गाउन, मास्क, दस्तानों के इस्तेमाल के अलावा अस्तपाल में संक्रमित मरीज़ों की गतिविधि पर नियंत्रण करने की भी सलाह दी गई है।

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