नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने एक न्यूज चैनल के साथ खास बातचीत की है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कोई भविष्यवाणी करने के बजाय उपाय पर फोकस करना चाहिए। बनर्जी और डुफ्लो इसे “Quite Economics” कहते हैं। अर्थशास्त्र का नोबल जीतने वाले ये पहली दंपत्ति है। प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी और प्रोफेसर एस्थर डफ्लो का मानना है कि सुपर रिच लोगों पर ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए।
अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाने की वकालत
अभिजीत बनर्जी ने भी वेल्थ टैक्स की वकालत की है। उन्होंने कहा कि इंडिया में वेल्थ टैक्स लगाना बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा कि लोगों के पास काफी रियल एस्टेट प्रॉपर्टी है। लिहाजा उनपर वेल्थ टैक्स लगाना लॉजिकल है।
मांग बढ़ाने के बारे में बनर्जी ने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा खर्च किया जाए ताकि रोजगार बढ़े। इंडिया के बारे में यह बिल्कुल सही है कि यहां इंफ्रास्ट्रक्चर और इनकम ग्रोथ के बीच संबंध है। डफ्लो ने कहा कि यह उस हाथी की कहानी की तरह है, जिसमें अगर आप पिछले तीन दशक में सबसे गरीब लोगों की आमदनी को देखेंगे तो पता चलेगा कि उसमें काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
यह हाथी के पीछे का हिस्सा है। हालांकि अगर आप अमीर लोगों को देखेंगे तो पता चलेगा कि उनकी आमदनी भी बढ़ी है। यह हाथी की सूड़ है। यानी यह दो अलग-अलग दुनिया है। इन दोनों के बीच में रहने वाला सबसे ज्यादा पिसता है।
डफ्लो ने कहा भविष्य में जरूरत इस बात की है कि गरीबों का फायदा ज्यादा हो और यह फायदा उन्हें आगे भी मिलता रहे क्योंकि वह बहुत गरीब हैं। इसके साथ ही टॉप इनकम क्वालिटी में बहुत ज्यादा तेजी न हो, इसका भी ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा, इसकी शुरुआत हम वेल्थ टैक्सेशन से कर सकते हैं। ज्यादा आमदनी वाले लोगों पर ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए। इसके साथ ही गरीबों के बीच उस रकम का सही तरीके से डिस्ट्रिब्यूशन होना चाहिए।