नई दिल्ली: हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जाता है, जिससे की धूम्रपान (Smoking) करने वाले लोगो को इससे होने वाले दुष्प्रभावों (Side effects) के बारे में बताया जा सके और उन्हें इसे छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। आज 9 मार्च बुधवार को भी धूम्रपान निषेध दिवस (No smoking day) मनाया जा रहा है।
यह मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में तंबाकू निषेध दिवस से प्रेरित होकर मनाया जाता है। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (GYTS) के अनुसार, 8.5% छात्र – 9.6% लड़के और 7.4% लड़कियां- वर्तमान में तंबाकू उत्पाद का उपयोग करते हैं।
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अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में (प्रत्येक में 58%) और हिमाचल प्रदेश में सबसे कम तंबाकू का उपयोग होता (1.1%) है। 21% वर्तमान में धूम्रपान करने वाले अब धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं। धुंआ रहित तंबाकू के वर्तमान उपयोगकर्ताओं में से 27% – 28% लड़कों और 25% लड़कियों ने – पिछले 12 महीनों में इसका उपयोग छोड़ने का प्रयास किया।
तंबाकू छोड़ने से क्या होगा?
8 घंटे में: ऑक्सीजन का स्तर सामान्य हो जाता है।
24 घंटे में: हार्ट अटैक का खतरा कम होने लगता है।
72 घंटों में: फेफड़े की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
1-9 महीने में : खांसी और सांस की तकलीफ कम हो जाती है।
12 महीनों में: तंबाकू सेवन करने वालों की तुलना में हृदय रोग का खतरा आधा होता है।
5 वर्षों में: स्ट्रोक का जोखिम कम हो जाता है।
10 साल में: तंबाकू सेवन करने वालों की तुलना में फेफड़ों के कैंसर का खतरा आधे से भी कम होता है।
15 साल में: हृदय रोग का खतरा उस व्यक्ति के समान है जो कभी धूम्रपान नहीं करता। तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों का खतरा कम
पुरुषों में 50% कैंसर और महिलाओं में 20% कैंसर
40% टीबी और अन्य संबंधित बीमारियां