नई दिल्ली। जैसे-जैसे दिल्ली में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा हैं, वैसे-वैसे दिल्ली के आम आदमी पार्टी के दिल की धड़कन बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी के पास पैसे नहीं है। दरअसल, ये बात हमें तब पता चली जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद एक जनसभा में कही। साथ ही उन्होंने जनता से यह अपील की कि पार्टी को आपके चंदे की जरूरत है।
केजरीवाल ने लोगों से कहा, हमने पिछले 5 साल में दिल्ली में बहुत काम किया। अब हमारे पास अगला चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं है। मैंने 5 साल में एक रुपया नहीं कमाया। अब यह आपके ऊपर है कि चुनाव लड़ने में हमारी मदद करें।
दिल्ली सरकार पिछले पांच साल से नाली, सड़क बनवा रही थी तो केंद्र सरकार कहां थी? चुनाव नजदीक आता देख भाजपा को अब कच्ची कालोनियों की याद आ रही है। रजिस्ट्री देने पर भाजपा क्यों चुप है? बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंता नहीं करें, रजिस्ट्री भी दिलवाऊंगा और विकास भी करूंगा।
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मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पिछले दो महीने से सुनने को मिल रहा है कि कालोनियों को पक्का कराएंगे। मैं पूछता चाहता हूं कि पांच साल में यह काम क्यों नहीं कराया गया।
कच्ची कॉलोनियों को अधिकृत करने की वे फाइल रोकते थे तो मैं लड़-लड़कर काम कराता था। उपराज्यपाल कार्यालय में इसके लिए धरना देना पड़ा। कच्ची कालोनियों की रजिस्ट्री पर केंद्र सरकार की नीयत खराब है।
दिल्ली में सरकार बनने के साथ ही 12 नवंबर 2015 को कच्ची कालोनियों को वैध करने का प्रस्ताव भेजा। फिर 4 साल लगातार रजिस्ट्री के लिए संघर्ष किया, दबाव बनाया। अभी तक हाथ में रजिस्ट्री देने की बात कोई नहीं कर रहा। चैन की सांस तभी लेंगे जब लोगों को रजिस्ट्री मिलने लगेगी।
70 सालों में किसी ने पहली बार सोचा
मुख्यमंत्री ने लोगों से पूछा- क्या किसी सरकार ने तीर्थ यात्रा कराई है। लोगों ने ना में जवाब दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार कोई सरकार बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करा रही है। तीर्थ यात्रा से लौटे लोगों ने मुझे श्रवण कुमार का चित्र तक भेंट किया। 70 साल में किसी ने तीर्थ यात्रा कराने की सोची तक नहीं।
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कच्ची कालोनियों की सुधार दी दशा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्ना आंदोलन के बाद दिल्ली की गलियों में घूमा। कच्ची कालोनियां रहने लायक नहीं थी। लोगों के घरों में बारिश का पानी चला जाता था। सड़कें नहीं थी। आलम यह था कि वह लड़कों की शादी तक नहीं होती थी। लड़की वाले कच्ची कालोनियों का हाल देखकर लौट जाते थे।
दिल्ली सरकार ने कच्ची कॉलोनियों को सभी मूलभूत सुविधाओं से लैस किया। बसों में महिलाओं को फ्री यात्रा की सुविधा दी गई। 200 फ्री यूनिट बिजली का विरोध करने के बावजूद उपभोक्ताओं को यह सुविधा दी गई।
36 महीने में पूरा करने का रखा लक्ष्य
बुराड़ी में सीवर लाइन डाले जाने से इलाके में रहने वाले करीब साढ़े तीन लाख परिवारों को फायदा मिलेगा। दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बुराड़ी के संत नगर इलाके में सीवर लाइन डाले जाने से यमुना में प्रदूषण कम होगा। इस योजना के तहत संत नगर समूह कालोनियों में सीवर डाला जाएगा।
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32 कालोनियों में रहने वाले लोगों को इसका फायदा मिलेगा। मुकंदपुर गांव में भी सीवर डालने का काम शुरू किया गया है। यहां जमीन के अंदर और बाहर सीवर लाइन डाली जाएगी। सीवेज बुराड़ी पंप हाउस से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भेजा जाएगा। 250 करोड़ रुपये की लागत से इस काम को 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।