ऩई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पुरानी गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है। सरकार चाहती है कि लोग इलेक्ट्रिक वाहन अधिक से अधिक खरीदें। इसे ग्रीन टैक्स से मुक्त रखा गया है।
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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों (ट्रक, टैक्सी और निजी वाहन) पर ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य है लोग पुरानी गाड़ियों की जगह नई गाड़ियों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित हों।
राज्य सरकारों से परामर्श के बाद इस प्रस्ताव को अधिसूचित किया जा सकता है। उसके बाद इसे एक अप्रैल लागू किया जाएगा। सरकार की स्क्रैप पॉलिसी के संबंध में नितिन गडकरी ने लोक सभा में विस्तार से जानकारी दी।
केंद्रीय सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार को कहा कि एक साल के भीतर भारत में पूर्ण रूप से जीपीएस आधारित टोल संग्रह बनाकर देश को टोल बूथों से मुक्त किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वर्तमान 93 प्रतिशत वाहन फस्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान करते हैं, लेकिन शेष 7 प्रतिशत ने दोहरे टोल का भुगतान करने के बावजूद इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा, ‘मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक वर्ष के भीतर देश के सभी भौतिक टोल बूथ हटा दिए जाएंगे। इसका मतलब है कि टोल संग्रह जीपीएस के माध्यम से होगा। धनराशि जीपीएस इमेजिंग (वाहनों पर) के आधार पर एकत्र की जाएगी।’
मंत्री ने कहा कि उन्होंने उन वाहनों के लिए पुलिस जांच का निर्देश दिया है जो फास्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान नहीं करते हैं। अगर वाहनों में फास्टैग फिट नहीं हैं तो टोल चोरी और जीएसटी चोरी के मामले सामने आते हैं।
फास्टैग टोल प्लाज़ा पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। इसे 2016 में पेश किया गया था।