नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों को फांसी की नई तारीख जारी करने पर इस वक्त पटियाला हाउस कोर्ट में बहस जारी है। इस दौरान कोर्ट में पेश हुई निर्भया की मां वहीं रो पड़ीं और जज से दोषियों के नाम डेथ वारंट जारी करने की अपील की।
Nirbhaya's mother: I am wandering here and there to get justice for my daughter. These convicts are using delaying tactics. I don't know why the Court is not able to understand this. pic.twitter.com/aqEcMFZRxp
— ANI (@ANI) February 12, 2020
दिल्ली की अदालत ने सुनवाई गुरुवार के लिए स्थगित
दिल्ली की अदालत ने सुनवाई गुरुवार के लिए स्थगित कर दी है। इसके साथ ही दोषी पवन और जेल अधीक्षक को दोषी ठहराने के लिए पक्षपातपूर्ण अधिवक्ताओं की सूची उपलब्ध कराने को कहा है। कोर्ट पवन को सूची से कोई भी वकील चुनने की स्वतंत्रता भी देता है।
Delhi Court adjourns hearing for tomorrow and also asks to provide a list of empanelled advocates to convict Pawan and the Jail Superintendent. Court also gives liberty to Pawan to choose any counsel from list. #NirbhayaCase https://t.co/611hbYWlOu
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निर्भया की मां ने कहा कि मैं अपनी बेटी के लिए न्याय पाने के लिए यहां-वहां भटक रही हूं। ये अपराधी देरी से रणनीति का उपयोग कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि अदालत इसे क्यों नहीं समझ पा रही है?
सात साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है और ये कहते-कहते ही वह अदालत के अंदर ही रो पड़ीं
निर्भया की मां कहा कि वह टूट चुकी हैं। इसके साथ ही मैं विश्वास और उम्मीद खो रही हूं। कोर्ट को दोषियों की देरी की रणनीति को समझना चाहिए। अब यदि पवन को दोषी ठहराने के लिए एक नया वकील उपलब्ध कराया जाता है, तो वह केस फाइल से गुजरने के लिए अपना समय लेगा । उन्होंने अदालत से पूछा कि मेरे अधिकारों क्या? मैं हाथ जोड़कर आपके सामने खड़ी हूं। प्लीज डेथ वारंट जारी कर दीजिए। मैं भी इंसान हूं। सात साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है और ये कहते-कहते ही वह अदालत के अंदर ही रो पड़ीं।
Nirbhaya's mother breaks down in Court during hearing https://t.co/e1KCB5kmOs
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिल्ली हाईकोर्ट के 5 फरवरी के उस आदेश पर गौर किया, जिसमें चारों दोषियों को एक हफ्ते यानी 11 फरवरी तक कानूनी विकल्पों के प्रयोग का समय दिया गया था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने 5 फरवरी को ही पटियाला हाउस कोर्ट का रुख कर डेथ वारंट जारी करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों को 7 दिन का समय दिया गया है और इससे पहले उनके खिलाफ डेथ वारंट जारी नहीं किया जा सकता।
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तिहाड़ जेल प्रशासन व निर्भया के माता-पिता ने मंगलवार को फिर पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
कोर्ट ने कहा था कि जब दोषियों को कानून जीवित रहने की इजाजत देता है, तब उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है। न्यायाधीश ने कहा कि मैं दोषियों के वकील की इस दलील से सहमत हूं कि महज संदेह और अटकलबाजी के आधार पर मौत के वारंट को तामील नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने तिहाड़ जेल की अर्जी खारिज कर करते हुए उसे फिर से अर्जी देने को कहा था। 11 फरवरी को दोषियों को दिया गया एक हफ्ते का समय पूरा हो गया है। इसी के चलते तिहाड़ जेल प्रशासन व निर्भया के माता-पिता ने मंगलवार को फिर पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।