नई दिल्ली। निर्भया केस में चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने निराशा ही हाथ लगी है। कोर्ट ने अक्षय की फांसी की सजा के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका बुधवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दी। निर्भया के दोषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद फांसी की सजा पर फिर मुहर लगी है। इस फैसले के बाद फांसी की सजा रहेगी बहाल।
बता दें कि पिछले साल 9 जुलाई को ही बाकी अन्य दोषियों विनय, मुकेश और पवन की फांसी के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज कर चुका है। बता दें कि इससे पहले बुधवार को जस्टिस भानुमति की अध्यक्ष में नई पीठ ने अहम सुनवाई की है। जहां बहस के दौरान दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने अपने दोषी को फांसी नहीं देने की मांग की। वहीं सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी भी हाल ऐसे अपराध में सजा कम नहीं की जा सकती है।
सुबह सुनवाई शुरू होने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह फिलहाल अपने तर्क रखे। बहस के दौरान वकील एपी सिंह ने मामले की जांच पर कई तरह के सवाल उठाए हैं। वहीं, कोर्ट ने कहा कि नए तथ्यों पर बहस नहीं करें। बता दें कि जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई की है। इन बेंच में जस्टिस आर भानुमति के साथ जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना भी शामिल हैं।
बचाव पक्ष के वकील के सवाल
बता दें कि पिछले साल 9 जुलाई को ही अन्य तीन दोषियों मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है।
वहीं, मंगलवार को होने वाली सुनवाई को लेकर निर्भया की मां का कहना है कि हमें पूरा विश्वास है कि न्याय मिलेगा, इसके सिवाय कोई विकल्प नहीं है। अगर उन्नाव मामले में कुलदीप सिंह ओर निर्भया मामले में दोषियों को फांसी मिले तो समाज में अच्छा संदेश जाएगा।
बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने एक दोषी विनय शर्मा को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय को एक रिपोर्ट भेजी है। इसमें कहा गया है कि इस याचिका को अधिकारियों की मौजूदगी में विनय ने भरा था। दरअसल, पिछले दिनों विनय शर्मा ने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि उसने कोई दया याचिका राष्ट्रपति के पास नहीं भेजी है। तिहाड़ जेल प्रशासन के इस खुलासे के बाद यह तय हो गया है कि विनय शर्मा की दया राष्ट्रपति के लंबित है।
बता दें कि सात साल पहले 16 दिसंबर, 2012 में दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी। राम सिंह, मुकेश, विनय, पवन और अक्षय के साथ एक अन्य दोषी की दरिंदगी की शिकार निर्भया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।