नई दिल्ली। निर्भया केस के दोषी मुकेश की दया याचिका गृह मंत्रालय ने गुरुवार रात राष्ट्रपति को भेजी गई थी, जिसे शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने खारिज कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से इस याचिका को खारिज कर मौत की सजा बरकरार रखने की सिफारिश की थी। अब कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति ने मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही मुकेश की फांसी 22 जनवरी को तय मानी जा रही है।
President Ram Nath Kovind rejects the mercy petition of 2012 Delhi gang-rape case convict Mukesh Singh
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— ANI Digital (@ani_digital) January 17, 2020
क्या बोलीं निर्भया की मां?
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में फांसी की तारीख आने के बाद भी दोषियों की लेटलतीफी और नियम-कानून के चलते दोषियों की फांसी में देरी होती दिख रही है। उससे निर्भया की मां काफी परेशान हैं। शुक्रवार को तो वह एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में फूट-फूटकर रोने लगीं।
#WATCH Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Till now, I never talked about politics, but now I want to say that those people who held protests on streets in 2012, today the same people are only playing with my daughter's death for political gains. pic.twitter.com/FvaC89TwKI
— ANI (@ANI) January 17, 2020
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निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि जिस तरह मेरी बच्ची की मौत पर राजनीति हो रही है वह ठीक नहीं है
इस मामले में जिस तरह गुरुवार को भाजपा और आम आदमी पार्टी ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। उससे निर्भया की मां आशा देवी बहुत आहत हैं। उन्होंने कहा कि इतने साल तक मैं राजनीति पर कभी नहीं बोली, लेकिन आज कहती हूं कि जिस तरह मेरी बच्ची की मौत पर राजनीति हो रही है वह ठीक नहीं है।
आशा देवी ने कहा कि अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि जब 2012 में घटना हुई तब इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया और काली पट्टी बांधी, खूब रैलियां कीं, खूब नारे लगाए। लेकिन आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोई कह रहा आप ने रोक दिया, कोई कह रहा है मुझे पुलिस दे दीजिए दो दिन में रोक के दिखाऊंगा।
प्रधानमंत्री जी दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाइए और देश को दिखाइए कि हम देश के रखवाले हैं, महिला की सुरक्षा करने वाले हैं
आशा देवी ने आगे कहा, तो अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि ये अपने फायदे के लिए दोषियों की फांसी को रोके हैं। हमें इस बीच में मोहरा बनाया, इन दोनों के बीच में मैं फंसी हूं। तो मैं कहना चाहती हूं खासकर प्रधानमंत्री जी से कि आपने 2014 में आपने बोला था, ‘बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार’। मैं साहब आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि जिस तरह से आप दोबारा सरकार में आए हैं, जिस तरह से आपने हजारों काम किया। इस कानून का संशोधन कीजिए क्योंकि कानून बनाने से नहीं होगा। मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि एक बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए, उन दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाइए और देश को दिखाइए कि हम देश के रखवाले हैं, महिला की सुरक्षा करने वाले हैं।