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निर्भया केस: कल भी नहीं होगी दोषियों फांसी, अगले आदेश तक पटियाला हाउस ने लगाया रोक

निर्भया केस

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नई दिल्ली। निर्भया के चारों दोषियों की फांसी देने की सजा पर पटियाला हाउस कोर्ट ने आज सोमवार को अगले आदेश तक रोक लगा दी है। हालांकि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी दो बार दोषियों के फांसी की सजा टाली जा चुकी है।

कोर्ट का कहना अक्षय की दया याचिका अभी लंबित है। ऐसे में दोषियों को अभी फांसी देना ठीक नहीं होगा। हालांकि सुबह कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। बता दें कि दोषी पवन की आज क्यूरेटिव याचिका, दया याचिका दोनों खारिज हो चुकी है।

निर्भया के दोषी पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका खारिज होने के बाद सोमवार को ही पवन और अक्षय की तीन मार्च सुबह छह बजे होने वाली फांसी पर रोक लगाने की याचिका भी खारिज हो गयी है। इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी है।

आगे क्या हुआ?

अब दोषी अक्षय की दया याचिका पर सबकी नजर है, जिसके खारिज होने या न होने पर दोषियों की फांसी की तारीख तय होगी। साथ ही अब 5 मार्च की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर भी नजर रहेगी जिसमें दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की अपील की गई है।

अदालत में आज की तीखी बहस

सुनवाई शुरू हुई तो सरकारी वकील ने कहा कि मैं अक्षय की बात पहले करता हूं। उसने 31 जनवरी को दया याचिका दायर की। उसके अगले ही दिन अक्षय ने सचिवालय में खत लिखा कि उसकी याचिका में कुछ दस्तावेज नहीं है तो उसे वो दस्तावेज फाइल करने की इजाजत दे दी गई।

सरकारी वकील ने आगे पवन की याचिका पर दलील देते हुए कहा कि पवन ने क्यूरेटिव याचिका डाली है जिस पर आज सुबह 10.25 बजे सुनवाई होगी।

जज ने पूछा किस प्रावधान के तहत अदालत फांसी पर रोक लगा सकती है? तब एपी सिंह बोले दिल्ली जेल नियम 836 के अनुसार।

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अदालत को बताया गया कि चुनाव आयोग के सामने विनय की एक याचिका लंबित है। कहा गया कि दोषी कानून का फायदा उठा रहे हैं और हर तरह से फांसी में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं।

पवन की क्यूरेटिव याचिका के बारे में बताया गया कि ये भी देर दायर की गई है और यह फांसी रोकने का आधार नहीं बन सकता।

दिल्ली कैदी नियम 858 के अनुसार अन्य दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती जब तक पवन की दया याचिका खारिज नहीं होती। जज ने ये भी कहा कि अक्षय ने पूर्ण याचिका दायर नहीं की थी इसलिए वह नई दया याचिका दायर कर सकता है।

एपी सिंह ने कहा मुझे 5 फरवरी को दया याचिका खारिज होने के बारे में नहीं पता था। मुझे ये जेल में पता चला। अक्षय की पत्नी गरीबी रेखा के नीचे आने वाला दस्तावेज तैयार करा रही थी। इस पर जज ने कहा कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? आपने अपने क्लाइंट को फांसी के आखिरी घंटे तक छोड़ दिया और अब याचिका दायर कर रहे हैं?

इसके बाद वकील एपी सिंह ने कुछ देर बात अदालत को फिर यह बताया कि पवन की दया याचिका दायर की गई है अदालत उसे भी देखे। इस पर अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया है।

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